District President पर सारंग, कृष्णा और आलोक में खींचतान

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र भाजपा में संगठन चुनाव के चलते जिलाध्यक्ष ( District President ) के निर्वाचन में समन्वय बनाना बेहद मुश्किल हो रहा है। जहां रायशुमारी हुई, वहां बड़े नेताओं, केंद्रीय मंत्री और राज्य के नेताओं की पसंद पर आम सहमति नहीं बन पा रही है। भोपाल में मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर और सांसद आलोक शर्मा अपने-अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं।

मध्यप्रदेश में District President की नियुक्ति

इधर, सागर में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एक तरफ हैं तो पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह दूसरी तरफ हैं। नरसिंहपुर में भी मंत्री प्रहलाद पटेल और उदय प्रताप सिंह जिलाध्यक्ष ( District President ) के चयन पर आमने-सामने हैं। ग्वालियर ग्रामीण के अलावा गुना- शिवपुरी और अशोकनगर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पसंद का जिलाध्यक्ष चाहते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने साफ तौर पर कहा है कि ऐसे जिलाध्यक्षों को दोहराने की जरूरत नहीं है, जिनका कार्यकाल चार-पांच साल हो गया है। ऐसे कुछ जिलाध्यक्षों को दोबारा पद देने के लिए उनके राजनीतिक आका पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। टीकमगढ़ में तो जिलाध्यक्ष के चुनाव में नेताओं का टकराव दिक्कत खड़ी कर रहा है। एक तरफ केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार हैं तो दूसरी ओर बाकी सभी नेता। डॉ. वीरेंद्र कुमार अपने संसदीय क्षेत्र के सभी जिलों में अपनी पसंद का अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं तो पूर्व विधायक राकेश गिरी भी जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं।

विंध्य, सतना और पन्ना में अपनी-अपनी पंसद

सतना में सांसद गणेश सिंह समर्थक सतीश कुमार शर्मा जिलाध्यक्ष हैं। संघ में प्रचारक रहे हैं। इनको दो साल हो गए हैं लेकिन मंत्री प्रतिभा बागरी और अन्य विधायक बदलाव चाहते हैं। रीवा जिले में डॉ. अजय सिंह पटेल जिलाध्यक्ष हैं, इन्हें प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का समर्थन है लेकिन उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और सांसद जनार्दन मिश्रा दोनों नए अध्यक्ष चाहते हैं। पन्ना जिले में बृजेंद्र मिश्रा को दो साल हुए हैं, रिपीट होने के प्रयास में हैं लेकिन संभावनाएं कम हैं। सीधी में विधायक रीती पाठक और सांसद के बीच सहमति नहीं बन रही है।

ग्वालियर- चंबल अंचल के क्षत्रपों में खींचतान

अंचल के प्रमुख जिले ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और दतिया में जिलाध्यक्ष कुर्सी पर अपनी पसंद का व्यक्ति बैठाने के लिए आंतरिक रूप से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के खेमे के बीच खींचतान है। नरेंद्र सिंह तोमर के खेमे से भिंड, मुरैना व ग्वालियर के सांसदों ने अपने-अपने संसदीय क्षेत्र के जिलों में मोर्चा संभाल रखा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विवेकानंद मंडल का अध्यक्ष बदले जाने पर सामाजिक व पार्टी स्तर पर काफी हंगामा मचा। शिवपुरी व दतिया जिले के अध्यक्ष को लेकर पार्टी में त्रिकोणीय संघर्ष है।

महाकौशल में मची मारामारी

सिवनी जिले में विधायक मुनमुन राय कांग्रेस से आए हुए हैं, उनका मूल भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय नहीं बन पा रहा है। दूसरा गुट आलोक दुबे के साथ है। पूर्व विधायक नरेश दिवाकर, पूर्व सांसद नीता पटैरिया को इनका समर्थन है। जबलपुर में अजय विश्नोई, प्रभात साहू और मंत्री राकेश सिंह के बीच पटरी नहीं बैठ रही। छिंदवाड़ा में भी यही स्थिति है। सांसद बंटी साहू टीकाराम चंद्रवंशी या किसी महिला को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। दूसरा गुट पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह का है, जो शंटी बेदी को अध्यक्ष बनवाना चाहता है। यही स्थिति विंध्य क्षेत्र में है।