भारत का दिल कहा जाने वाला मध्यप्रदेश अब अपनी पहचान तेजी से बदल रहा है। लंबे समय तक ‘टाइगर स्टेट’ और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर यह राज्य अब धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के एक बड़े केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका है। राज्य सरकार के प्रयासों और बड़े प्रोजेक्ट्स ने पर्यटन के नक्शे पर मध्यप्रदेश को नई ऊंचाई दी है।
विशेष रूप से उज्जैन में ‘श्री महाकाल महालोक’ के निर्माण के बाद से धार्मिक पर्यटन में अभूतपूर्व उछाल आया है। यह गलियारा न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि वास्तुकला का भी एक अद्भुत उदाहरण पेश करता है। महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है, जिसका सीधा असर स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है।
ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा
उज्जैन के बाद अब खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में भी आध्यात्मिक पर्यटन को नया आयाम मिला है। यहां मांधाता पर्वत पर आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा, जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’ (एकात्मता की प्रतिमा) नाम दिया गया है, स्थापित की गई है। इसके साथ ही यहां ‘एकात्म धाम’ का विकास किया जा रहा है। यह स्थल अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है, जो दुनिया भर के आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को आकर्षित कर रहा है।
अन्य धार्मिक स्थलों का कायाकल्प
राज्य सरकार केवल दो बड़े केंद्रों तक सीमित नहीं है। दतिया में पीतांबरा पीठ, मैहर में मां शारदा का मंदिर, और चित्रकूट जैसे पौराणिक महत्व वाले स्थलों पर भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। सलकनपुर में देवी लोक और सागर में संत रविदास के भव्य मंदिर का निर्माण भी इसी कड़ी का हिस्सा है। ओर्चा में राम राजा लोक का विकास भी प्रस्तावित है, जो बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन को नई दिशा देगा।
पर्यटन के आंकड़ों में भारी उछाल
धार्मिक स्थलों के विकास का सीधा असर पर्यटन के आंकड़ों पर पड़ा है। वर्ष 2022 और 2023 के दौरान मध्यप्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई थी। उज्जैन में तो वीकेंड और त्योहारों पर होटलों में कमरे मिलना मुश्किल हो जाता है। यह बदलाव दर्शाता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और धार्मिक आस्था का सही मेल किस तरह पर्यटन उद्योग को गति दे सकता है।
पर्यटन विभाग अब ‘रिलीजियस टूरिज्म’ के साथ-साथ ‘वेलनेस टूरिज्म’ पर भी फोकस कर रहा है, ताकि यहां आने वाले पर्यटक न केवल दर्शन करें, बल्कि मानसिक शांति और योग का अनुभव भी ले सकें। मध्यप्रदेश का यह नया स्वरूप उसे भारत के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में शुमार कर रहा है।