मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच अब घना कोहरा भी लोगों की परेशानी बढ़ाने लगा है। प्रदेश के लगभग आधे हिस्से में कोहरे का व्यापक असर देखा जा रहा है, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हो रहा है। सुबह के समय हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, जब कुछ इलाकों में कुछ कदम आगे देख पाना भी मुश्किल हो गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को प्रदेश के 22 जिलों के लिए कोहरे को लेकर चेतावनी जारी की है, जिससे आमजन को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, दृश्यता 50 मीटर तक सिमटने की आशंका
मौसम विभाग के अनुसार ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग के 12 जिलों में घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है। ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज और सीधी जिलों में दृश्यता घटकर महज 50 मीटर तक रह सकती है। ऐसे हालात में वाहन चालकों के लिए सफर करना बेहद जोखिम भरा हो सकता है। वहीं भोपाल, विदिशा, सागर, दमोह, जबलपुर, कटनी, मैहर, उमरिया, शहडोल और सिंगरौली जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां कोहरे के कारण दृश्यता 1 से 2 किलोमीटर तक सीमित रहने का अनुमान है।
कोहरे के साथ बढ़ी सर्दी, न्यूनतम तापमान में गिरावट
कोहरे के असर के बीच प्रदेश में ठंड ने भी अपना तीखा तेवर दिखाया है। रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात भोपाल का न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि इंदौर में 6.6 डिग्री रहा। ग्वालियर में 9.1, उज्जैन में 9.3 और जबलपुर में 9.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश में पचमढ़ी और राजगढ़ सबसे ठंडे स्थान रहे, जहां न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। लगातार गिरते तापमान के चलते लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
17 दिसंबर से फिर बदलेगा मौसम, ठंड और बढ़ेगी
मौसम विभाग का कहना है कि 17 दिसंबर की रात से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है, जिसके प्रभाव से ठंड का असर और तेज हो सकता है। इस दौरान जेट स्ट्रीम की रफ्तार बढ़कर करीब 222 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई है। विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ी इलाकों से आने वाली बर्फीली हवाएं, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और तेज जेट स्ट्रीम मिलकर मध्यप्रदेश में इस बार ठंड को ज्यादा गंभीर बना रहे हैं। ऐसे में दिसंबर और जनवरी के दौरान प्रदेश को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ सकता है।
दोपहर तक नहीं छंटा कोहरा, जनजीवन प्रभावित
सोमवार सुबह रीवा और मुरैना–रायसेन अंचल में घना कोहरा छाया रहा, जहां 50 मीटर से आगे कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। भोपाल में दृश्यता 500 से 1000 मीटर के बीच रही। हालात इतने खराब रहे कि दोपहर तक भी पूरी तरह कोहरा साफ नहीं हो पाया और 2 से ढाई किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक देख पाना मुश्किल रहा। मौसम विभाग के अनुसार इस सर्दी के मौसम में यह पहली बार था, जब प्रदेश के बड़े हिस्से में एक साथ घना कोहरा छाया, जिसमें रीवा सबसे ज्यादा प्रभावित रहा।
कई शहरों में बेहद कम रही दृश्यता
खजुराहो में दृश्यता 50 से 200 मीटर तक सीमित रही, जबकि भोपाल, ग्वालियर, दतिया और सीधी में यह 500 से 1000 मीटर के बीच दर्ज की गई। वहीं इंदौर, नर्मदापुरम, सागर, रतलाम, दमोह और मंडला में दृश्यता 1 से 2 हजार मीटर के आसपास रही। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि कोहरे के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतें।