केंद्र सरकार के बजट में मप्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए अच्छी खबर है। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा के रिंग रोड के साथ भोपाल के पश्चिमी बायपास के लिए केंद्र सरकार मप्र को पैसे देगी। इसके साथ सिंहस्थ के लिए भी मोहन सरकार को पैसे मिलेंगे। खासतौर पर भक्तों के आने जाने की सुविधा को देखते हुए उज्जैन महाकाल में प्रस्तावित रोप-वे के लिए बजट में 50 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। धार के पीथमपुर में विकसित किए जा रहे मल्टी माॅडल लॉजिस्टिक पार्क को भी 60 करोड़ मिलेंगे।
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश को 10 हजार 500 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसमें 9,750 करोड़ रुपए सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए होंगे। अगले 5 साल में 29 हजार 710 करोड़ रुपए मप्र के खजाने में आएंगे। सीआरआईएफ फंड में 3000 करोड़ रखे गए हैं। इसमें से चालू वित्तीय वर्ष में 250 करोड़, एनएच में 7000 में से 2500 करोड़, मेंटेनेंस पर 50 करोड़, एनएचडीपी पर 90 करोड़ रुपए मिलेंगे।
मप्र में 14 रिंग रोड की योजना पर काम
मप्र में 14 रिंग रोड की योजना पर काम हो रहा है। इसमें इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर के साथ सागर, रीवा, उज्जैन, सतना, कटनी, नरसिंहपुर, हरदा, सीहोर, विदिशा, गंजबासौदा और आगर-मालवा में रिंग रोड का निर्माण प्रस्तावित है। राजधानी भोपाल में पश्चिमी बायपास बनने के बाद आउटर एरिया रिंग रोड की तरह बन जाएगा।
सागर के लिए 756 करोड़ और रीवा रिंग रोड के लिए 380 करोड़ रुपए मंजूर हो चुके हैं। अब इनका काम तेजी से शुरू होगा। बाकी के रिंग रोड के लिए मप्र अपने बजट से आने वाले वक़्त में करीब 5000 करोड़ रुपए खर्च करेगा। सागर और रीवा के रिंग रोड नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की 2023-24 की कार्य योजना में शामिल हैं। जबलपुर का काम भी शुरू हो गया है। इंदौर-ग्वालियर की डीपीआर करीब तैयार है।