सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि का नया नियम, 1 जनवरी 2026 से लागू होगा आदेश

मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जो उनकी पहली वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) से संबंधित है। सरकार ने इस प्रक्रिया में मौजूद विसंगतियों को दूर करने के लिए नियमों में संशोधन किया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी है।

जारी आदेश के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों के लिए पहली वेतन वृद्धि का नया नियम 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य इंक्रीमेंट प्रक्रिया में एकरूपता और निष्पक्षता लाना है।

मौजूदा व्यवस्था में क्या थी खामी?

राज्य में 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान लागू है। अब तक की व्यवस्था के अनुसार, कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति की तारीख चाहे जो भी हो, साल में एक बार 1 जुलाई को ही वेतन वृद्धि दी जाती थी। इस नियम के कारण एक बड़ी असमानता पैदा हो रही थी, जिसका खामियाजा कई कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा था।

उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की नियुक्ति 30 जून को होती थी, तो उसे महज एक दिन की सेवा के बाद ही 1 जुलाई को वेतन वृद्धि का लाभ मिल जाता था। इसके विपरीत, यदि कोई कर्मचारी 2 जुलाई को सेवा में आता, तो उसे अपनी पहली वेतन वृद्धि के लिए लगभग पूरे एक साल का लंबा इंतजार करना पड़ता था। इसी विसंगति को खत्म करने के लिए सरकार ने नियमों में संशोधन का कदम उठाया है।

नए नियम में क्या है खास?

वित्त विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के तहत ‘मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 2017’ में संशोधन किया गया है। नए नियम के मुताबिक, अब किसी भी सरकारी कर्मचारी को पहली वेतन वृद्धि का लाभ तभी मिलेगा, जब वह अपनी सेवा का एक साल पूरा कर लेगा।

यह आदेश 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। इसका मतलब है कि इस तारीख या इसके बाद नियुक्त होने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर यह नया नियम लागू होगा। इस फैसले से वेतन निर्धारण की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनेगी।

सरकार का मानना है कि इस बदलाव से कर्मचारियों के बीच वेतन वृद्धि को लेकर होने वाली असमानता समाप्त होगी और सभी के लिए एक समान व्यवस्था स्थापित होगी। इसका सीधा असर भविष्य में सरकारी सेवा में आने वाले लाखों युवाओं पर पड़ेगा।