मध्यप्रदेश सरकार अब ग्रेड देखकर NGOs को देगी ग्रांट 

स्वतंत्र समय, भोपाल
सरकार से हर अनुदान लेकर नशा मुक्ति के लिए काम करने गैर सरकारी संस्थाओं एनजीओ ( NGOs ) की राह अब मुश्किल होने वाली हैं। सालों से अभियान चलाने के बाद भी नशे की सौदागरों और नशा करने वालों की संख्या बढ़ती देख सरकार अब नया रास्ता अपनाने जा रही है। अब किसी भी संस्था को नाम और मुंह देखकर अनुदान नहीं दिया जाएगा, बल्कि सभी की नियमित ऑडिट की जाएगी। ऑडिट के आधार पर संस्थाओं की ग्रेडिंग की जाएगी। ग्रेड के आधार पर ग्रांट दिया जाएगा। ताकि काम में सुधार आ सके।

23 NGOs नशामुक्ति के क्षेत्र में अनुदान प्राप्त कर रही हैं

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में फिलहाल 23 संस्थाएं एनजीओ ( NGOs ) नशामुक्ति के क्षेत्र में अनुदान प्राप्त कर रही हैं। इनमें आउट रीच एंड ड्राप इन सेंट, कम्युनिटी बेस्ड पियरलेड सेंडर भी शामिल हैं। वहीं नशामुक्ति के साथ दिव्यांगजन, निराश्रित एवं वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े कार्यक्रमों के लिए कुल 192 संस्थाएं अनुदान लेकर कार्य कर रही हैं। बावजूद इसके नशा मुक्ति की दिशा में सरकार को कोई ठोस सफलता मिलते नजर नहीं आ रही है, बल्कि गांवों में भी नशे का जाल फैसला जा रहा है। सरकार के अभियान भी बहुत ज्यादा सफल नजर नहीं आ रहे। इसके चलते अब एजीओ को लेकर भी सरकार में एक्शन में आ रही है। अव्वल तो सभी संस्थाओं का सत्यापन किया जाएगा। फिर सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में दिव्यांगों, वृद्धजनों और नशा मुक्ति के लिए काम करने वाली संस्थाओं की अब हर तीन माह में ऑडिट होगी। उनकी ग्रेडिंग की जाएगी। इस दिशा में तेजी से कार्य करते हुए ऑडिट टीम का गठन भी कर दिया है जो सभी संस्थाओं की जांच-पड़ताल कर राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी। 50 प्रतिशत से कम अंक पाने वाली संस्थाओं के विरुद्ध एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मापदंडों पर फेल होने वाले एनजीओ का अनुदान भी रोक दिया जाएगा।

इस आधार पर तय होगी ग्रेडिंग

राज्य सरकार ने ऑडिट टीम को निर्देश दिए हैं कि जांच के दौरान सभी केंद्रों पर साफ-सफाई, भोजन व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाएं, सुरक्षा, फर्नीचर देखें। इनके अलावा अन्य सामग्री की गुणवत्ता, मनोरंजन, खेलकूद सुविधाओं और ऑफिस रिकॉर्ड की भी जांच की जाए। इसके आधार पर संस्थाओं की ग्रेडिंग की जाएगी। प्रत्येक तिमाही में सभी संस्थाओं की ऑडिट की जाएगी।

यहां लगाई एक्शन पर मुहर

नशे को लेकर लगातार सुर्खियों में आ रहे रीवा क्षेत्र की छवि सुधारने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल आगे आएं हैं। नशा मुक्ति अभियान को बच्चों व युवाओं की मौजूदगी में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। ऐसा ही कार्यक्रम बीते दिन किया गया। इसमें उपमुख्यमंत्री शुक्ला के साथ सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह भी शामिल हुए। मंत्री कुशवाह ने कहाकि नशामुक्ति एवं दिव्यांग जन कल्याण, वरिष्ठ जनों के लिए संचालित आश्रमों व संस्थाओं की गुणवत्ता की ऑडिट कराई जा रही है। ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ही भविष्य में अनुदान और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। ऑडिट रिपोर्ट की एनालिसिस के निर्देश अधिकारियों को दिए मंत्री कुशवाह ने दिए हैं। क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।