मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव इस समय राज्य में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में व्यस्त हैं। इस समिट के तहत, राज्य ने भारत में निवेश के मामले में प्रमुख स्थान हासिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के प्रति विश्वभर में विश्वास पैदा करने के बाद, मध्य प्रदेश को इसका लाभ मिल रहा है। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार का समर्थन इस सफलता के लिए आवश्यक है। इस समिट में 40 से अधिक विदेशी राजदूत भाग ले रहे हैं, और जर्मनी, यूके और जापान जैसे देश सह-भागीदार के रूप में शामिल हैं।
सिंगल विंडो सिस्टम और तेज परमिशन प्रक्रिया
सीएम मोहन यादव ने राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम की उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अब 28 दिनों के भीतर सभी अनुमतियाँ जारी कर रही है, जिससे निवेशकों को ज्यादा समय बर्बाद नहीं करना पड़ता। इस पहल से राज्य में निवेश को आकर्षित करने के प्रयासों को और गति मिल रही है।
औद्योगिक पार्कों का विस्तार
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश में वर्तमान में 23 औद्योगिक क्षेत्र हैं, और राज्य का लक्ष्य इन्हें बढ़ाकर 50 तक पहुंचाना है। विशेष रूप से उन जिलों में जहां निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, वहां नए नीतियाँ और प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।
रोजगार सृजन के लिए विशेष प्रोत्साहन
सीएम ने यह भी कहा कि यदि किसी उद्योग द्वारा रोजगार सृजन किया जा रहा है, तो उसे विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि राज्य में कपास का 43% उत्पादन होता है, और रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों को 10 वर्षों तक प्रति मजदूर 5000 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
नई नीतियों के साथ आसान परमिशन प्रक्रिया
मध्य प्रदेश सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में 19 नई नीतियाँ बनाई हैं, जिससे उद्योग स्थापित करने में पहले की तुलना में सरलता आई है। पहले जहां 38 प्रकार की परमिशन की आवश्यकता होती थी, अब केवल 10 प्रकार की परमिशन की जरूरत है। राज्य में बैंकिंग सुविधाएं, अधिशेष बिजली, पानी की प्रचुरता और कुशल श्रमिकों की उपलब्धता है, जिससे निवेश आकर्षित होगा।
इंदौर को दिल्ली या मुंबई जैसा बनाना
सीएम मोहन यादव ने कहा कि भविष्य में राज्य की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंदौर को दिल्ली या मुंबई की तरह विकसित करने का लक्ष्य है। यहां पहले से ही व्यापार का माहौल है, और इस दिशा में ध्यान केंद्रित करने से निवेश आकर्षित होगा। इसके साथ ही, भोपाल को राज्य की राजधानी के रूप में और अधिक सुंदर और विकसित किया जाएगा।