Madhya Pradesh के प्रयोग ने दिलाई भाजपा को जीत, नेताओं की लगी थी ड्यूटी

स्वतंत्र समय, भोपाल

महाराष्ट्र में भाजपा की जीत में एमपी ( Madhya Pradesh ) विधानसभा चुनाव में किए गए लाड़ली बहना के प्रयोग ने भी अहम रोल अदा किया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड जीत मिली है। 288 सीटों में से भाजपा ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि भाजपा, शिवसेना (शिंदे), एनसीपी (अजित पवार) के महायुति गठबंधन को कुल 230 सीटों पर जीत मिली है।

Madhya Pradesh के नेताओं की तैनाती

भाजपा ने महाराष्ट्र चुनाव में जीत के लिए ट्रिपल लेयर लीडरशिप तैनाती की थी। फर्स्ट लेयर में एमपी ( Madhya Pradesh ), तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात सहित 6 रायों के प्रदेश संगठन महामंत्रियों को भेजा। इन्हें एक-दो रीजन की जिम्मेदारी दी गई। सेकेंड लेयर में भाजपा ने राय सरकार के मंत्रियों और दिग्गजों को भेजा। इन्हें दो जिलों में आने वाली 10 से 12 विधानसभाओं का जिम्मा सौंपा गया। थर्ड लेयर में भाजपा ने विधायक, जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायकों को भेजा। मप्र से करीब 80 नेताओं को थर्ड लेयर में एमपी-महाराष्ट्र की सीमा से लगे क्षेत्रों में भेजा गया। इनमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल तथा पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई।

महाराष्ट्र में शुरू की माझी लाड़की बहिण योजना

मप्र में लाड़ली बहना योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार ने भी माझी लाडक़ी बहिण योजना शुरू की थी। इस योजना में महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने की शुरूआत की थी। इस योजना के अलावा केन्द्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंच और संपर्क के लिए भाजपा ने एमपी की तरह महाराष्ट्र में भी प्रयोग किया।

मप्र के नेताओं को जातिगत समीकरण साधने लगाया

महाराष्ट्र में भाजपा ने एमपी के नेताओं को जातिगत समीकरण को साधने के लिए काम पर लगाया। पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, खरगोन सांसद गजेन्द्र पटेल सहित ट्रायबल लीडर्स को आदिवासी क्षेत्रों में भेजकर आदिवासी वर्ग के वोटर्स को साधने का काम किया। वहीं कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और नरोत्तम ने अलग-अलग क्षेत्रों में जातिगत समीकरणों को साधा, जिसकी बदौलत भाजपा कई क्षेत्रों में जीत दर्ज कर सकी।