Madhya Pradesh Fort: भारत में स्थित होने के कारण मध्य प्रदेश को ‘भारत का हृदय’ माना जाता है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, वाइल्ड लाइफ और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। राज्य में कई प्राचीन किले हैं जो अतीत के राजाओं की बहादुरी, कला के प्रति प्रेम और चतुर योजना को दर्शाते हैं।
ये किले केवल पुरानी इमारतें नहीं हैं। ये शाही जीवन, युद्धों और सुंदर वास्तुकला की जीवंत कहानियां हैं। अगर आपको इतिहास से प्यार तो ये किले जरूर देखने लायक हैं।
ग्वालियर किला
इसे ‘भारत का जिब्राल्टर’ भी कहा जाता है, इस किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था। अंदर, आप गूजरी महल और मान मंदिर जैसी खूबसूरत जगहें देख सकते हैं।
कैसे पहुंचें: ग्वालियर का अपना हवाई अड्डा है और यह ट्रेन और बसों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
मांडू किला
धार के पास स्थित, मांडू अपने महलों और मस्जिदों के लिए जाना जाता है। जहाज महल और रानी रूपमती का मंडप यहां के पॉपुलर जगह है। निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन इंदौर में हैं, जो लगभग 95 किमी दूर है।
चंदेरी किला
चंदेरी किला 11वीं सदी का किला अशोकनगर जिले में है। यह बेतवा नदी के पास ऊंचा खड़ा है और इसमें एक रहस्यमयी द्वार है जिसे ‘खूनी दरवाजा’ कहा जाता है।
कैसे पहुंचें: ललितपुर निकटतम रेलवे स्टेशन है और निकटतम हवाई अड्डे भोपाल और ग्वालियर में हैं।
ओरछा किला
बुंदेला राजाओं द्वारा 16वीं सदी में निर्मित, किले में जहांगीर महल और राजा महल जैसे शाही महल हैं।
कैसे पहुंचें: निकटतम रेलवे स्टेशन झांसी में है, जो 16 किमी दूर है। हवाई अड्डे ग्वालियर और खजुराहो में हैं।
महेश्वर किला
नर्मदा नदी के तट पर, यह किला रानी अहिल्याबाई होल्कर का घर था। यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा इंदौर (95 किमी) है। इसके अलावा बरवाहा जैसे नजदीकी स्टेशनों के लिए ट्रेनें उपलब्ध हैं।
धार किला
यह किला 1857 के विद्रोह के दौरान महत्वपूर्ण था। इस पर कभी परमार वंश का शासन था। धार सड़क मार्ग से इंदौर (63 किमी दूर) से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और यहाँ एक छोटा रेलवे स्टेशन भी है।