SWAYAM पोर्टल: मध्यप्रदेश ने दर्ज की 350% की रिकॉर्ड वृद्धि, 9% औसत पंजीयन के साथ देश में अव्वल

नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की एक उच्च स्तरीय बैठक में मध्यप्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। ‘स्वयं’ (SWAYAM) पोर्टल के क्रियान्वयन को लेकर बुलाई गई इस आउटरीच बैठक में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, मध्यप्रदेश ने देश भर में अग्रणी भूमिका निभाई है। राज्य में विद्यार्थियों के औसत पंजीयन में उल्लेखनीय उछाल दर्ज किया गया है।

बैठक के दौरान शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने बताया कि जुलाई 2025 के सत्र के लिए मध्यप्रदेश का औसत पंजीयन 9 प्रतिशत हो गया है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत (6.7 प्रतिशत) से काफी अधिक है। पिछले एक वर्ष के भीतर राज्य में पंजीयन संख्या में 350 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसे मंत्रालय ने अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बताया है।

गैर-तकनीकी विषयों में सबसे ज्यादा रुचि

आंकड़ों का विश्लेषण करने पर एक रोचक तथ्य सामने आया है। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां तकनीकी विषयों की तुलना में गैर-तकनीकी (Non-Technical) विषयों में अधिक पंजीयन हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गैर-तकनीकी पाठ्यक्रमों में लगभग 2 लाख (57%) विद्यार्थियों ने नामांकन कराया है, जबकि तकनीकी विषयों में यह संख्या लगभग 1.5 लाख (43%) है। यह रुझान दर्शाता है कि राज्य में कला, वाणिज्य और मानविकी जैसे विषयों के छात्र भी डिजिटल लर्निंग को तेजी से अपना रहे हैं।

क्रेडिट ट्रांसफर की सुगम नीति

मध्यप्रदेश की इस सफलता के पीछे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP) के तहत बनाई गई लचीली क्रेडिट ट्रांसफर नीति मुख्य वजह मानी जा रही है। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी प्रो. अनिल कुमार पाठक ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्रदेश में विद्यार्थियों को उनके कुल आवश्यक क्रेडिट का 40% हिस्सा ऑनलाइन माध्यम से पूरा करने की छूट दी गई है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी स्नातक पाठ्यक्रम के लिए 120 क्रेडिट निर्धारित हैं, तो विद्यार्थी 48 क्रेडिट ‘स्वयं’ पोर्टल के ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से अर्जित कर सकता है। शेष क्रेडिट उसे महाविद्यालय में पारंपरिक कक्षाओं के जरिए पूरे करने होंगे। इस प्रावधान को वैधानिक रूप देने से छात्रों का रुझान ऑनलाइन कोर्सेज की तरफ बढ़ा है।

शॉर्ट वीडियो और रील्स से प्रचार

बैठक में मध्यप्रदेश द्वारा अपनाए गए प्रचार के तरीकों की भी चर्चा हुई। उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (IEHE) भोपाल के शिक्षकों और छात्रों ने SWAYAM पाठ्यक्रमों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया फ्रेंडली ‘शॉर्ट्स’ और ‘रील्स’ तैयार किए। इस नवाचार की केंद्रीय अधिकारियों ने विशेष प्रशंसा की। इन वीडियो को बनाने वाले छात्रों को ‘अर्न व्हाईल लर्न’ योजना के तहत आर्थिक लाभ भी दिया जा रहा है।

बुनियादी ढांचा और भविष्य की तैयारी

राज्य सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी संभागों में अत्याधुनिक डिजिटल स्टूडियो स्थापित किए हैं। यहां डिजिटल कंटेंट तैयार करने की सुविधाएं मौजूद हैं। इसके अलावा, हिंदी माध्यम के छात्रों की सुविधा के लिए 7 विशेष पाठ्यक्रमों को चिन्हित कर उनमें नामांकन अनिवार्य किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग अब चयनित विषय विशेषज्ञों को मूक (MOOCs) कोर्स तैयार करने का प्रशिक्षण भी दे रहा है, ताकि स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार कंटेंट उपलब्ध हो सके।

केंद्र को दिए गए सुझाव

बैठक में मध्यप्रदेश की ओर से कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे गए, जिन पर केंद्र ने सकारात्मक रुख दिखाया है:

  • भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए एक अलग राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया जाए।
  • पंजीयन की तिथियों में लचीलापन लाया जाए।
  • क्रेडिट ट्रांसफर के लिए यूजीसी स्पष्ट गाइडलाइन जारी करे।
  • ‘स्वयं-प्लस’ पाठ्यक्रमों को वर्तमान विनियमों में शामिल किया जाए।

क्या है SWAYAM पोर्टल?
यह भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है, जिसका पूरा नाम ‘स्टडी वेव्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स’ है। इसका उद्देश्य देश के दूर-दराज के इलाकों और वंचित वर्गों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संसाधन पहुंचाना है, ताकि डिजिटल डिवाइड को खत्म किया जा सके।