भोपाल: मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से तापमान में बढ़ोतरी के कारण लोगों को कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिली है, लेकिन यह राहत ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगी। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में सर्दी फिर से जोर पकड़ेगी और दिसंबर-जनवरी के महीने काफी ठंडे साबित हो सकते हैं। इसका मुख्य कारण ला नीना प्रभाव और हिमालय की ओर से आने वाली बर्फीली उत्तरी हवाओं को बताया जा रहा है।
प्रदेश में इस साल ठंड ने समय से पहले ही दस्तक दे दी थी। भोपाल, राजगढ़ और सीहोर समेत कई जिलों में 15 नवंबर तक शीतलहर जैसे हालात महसूस किए गए थे। हालांकि, फिलहाल पूर्वी हवाओं के प्रभाव से मौसम स्थिर बना हुआ है और अगले पांच दिनों तक किसी बड़े बदलाव या बारिश की कोई संभावना नहीं है।
हिमालय की बर्फीली हवाएं गिराएंगी पारा
मौसम विभाग के अनुसार, अभी प्रदेश में पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जिस वजह से तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है। लेकिन जैसे ही हवाओं का रुख बदलकर उत्तरी होगा, तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जाएगी। मौसम वैज्ञानिक दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी के बाद वहां से आने वाली सर्द हवाएं सीधे मध्य भारत के मौसम को प्रभावित करेंगी, जिससे ठिठुरन बढ़ेगी। भोपाल में शनिवार रात का तापमान इसका एक उदाहरण था, जब पारा गिरने से कोल्ड वेव जैसी स्थिति महसूस की गई।
ला नीना बनाएगा सर्दी को और तीखा
इस साल की सर्दी पर ला नीना का असर भी साफ देखने को मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ला नीना की सक्रियता के कारण मध्य भारत में सामान्य से अधिक ठंड पड़ती है। दिव्या ई. सुरेंद्रन ने इस पर विस्तार से जानकारी दी।
“इस बार ठंड जल्दी शुरू हुई है, जिसका मतलब है कि दिसंबर और जनवरी में तापमान सबसे अधिक गिरेगा। ठंड 15 फरवरी तक बने रहने की संभावना है।” — दिव्या ई. सुरेंद्रन, मौसम वैज्ञानिक
उन्होंने बताया कि ला नीना के प्रभाव से ठंड का दौर लंबा चल सकता है और न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे जा सकता है। लोगों को आने वाले हफ्तों में जोरदार ठंड के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।