MP Weather: शहडोल का कल्याणपुर प्रदेश में सबसे ठंडा, भोपाल-इंदौर में भी गिरा पारा, जानिए मौसम का हाल

मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है। प्रदेश के कई जिलों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, शहडोल जिले का कल्याणपुर क्षेत्र फिलहाल राज्य का सबसे ठंडा स्थान बना हुआ है। यहां न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जो इस सीजन में अब तक का सबसे कम तापमान है।

बीते 24 घंटों में पूरे प्रदेश में ठंड का असर साफ देखा गया। उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं के कारण रात के तापमान में तेजी से गिरावट आ रही है। राजधानी भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में भी ठंड का असर बढ़ गया है, जिससे लोगों को अलाव का सहारा लेते देखा जा रहा है।

शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा असर

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि शहडोल संभाग में ठंड का प्रकोप सबसे ज्यादा है। कल्याणपुर में तापमान 4.3 डिग्री तक लुढ़कने से वहां शीतलहर जैसी स्थिति बन गई है। इसके अलावा उमरिया, अनूपपुर और डिंडोरी जैसे जिलों में भी रात का पारा सामान्य से काफी नीचे चला गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोहरे का असर भी दिखाई देने लगा है, जिससे सुबह के समय दृश्यता (visibility) कम हो रही है।

ग्वालियर-चंबल में भी बढ़ी ठिठुरन

ग्वालियर और चंबल संभाग भी ठंड की चपेट में हैं। ग्वालियर, दतिया और भिंड में रात का तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने बताया है कि पचमढ़ी, जो प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है, वहां भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पचमढ़ी में भी तापमान 5 डिग्री के आसपास बना हुआ है।

आने वाले दिनों का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले दो से तीन दिनों में ठंड और बढ़ सकती है। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव और हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का सीधा असर मध्य प्रदेश के मौसम पर पड़ रहा है। विभाग ने लोगों, विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचने की सलाह दी है।

प्रमुख शहरों का हाल:

  • भोपाल: रात का तापमान 10 डिग्री के करीब।
  • इंदौर: न्यूनतम तापमान 11-12 डिग्री के बीच।
  • जबलपुर: तापमान में गिरावट जारी, सुबह कोहरा छाया रहा।

पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिसंबर के अंतिम सप्ताह में मध्य प्रदेश में अक्सर शीतलहर का प्रकोप देखा जाता है। इस बार भी मौसम का मिजाज उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। किसानों को भी पाले से फसल बचाने की सलाह दी जा रही है।