स्वतंत्र समय, भोपाल
सूरज की किरणों से बिजली बनाने के लिए सघन प्रयास चल रहे हैं। मध्य प्रदेश में आगामी दो महीना के दौरान इंदौर भोपाल उज्जैन तीन बड़े शहरों में 500 मेगावाट क्षमता के उपकरण सौर ऊर्जा के लिए लगाए जाने की प्रयास शुरू हो गए हैं। इसमें सर्वाधिक इंदौर में 25 हजार परिसरों पर सौर ऊर्जा की पैनल लगाई जाने की कवायद शुरु हो चूकी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, प्रदेश के नवीन ऊर्जा मंत्रालय , नगरी प्रशासन मंत्रालय मिलकर सौर ऊर्जा बढ़ावा देने के लिए नवाचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के आह्वान पर देशभर में सौर ऊर्जा को लेकर नवाचार को
आगे बढऩे का क्रम शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश भी इस ओर अपना कदम बढ़ा चुका है। लगातार विभागीय बैठकों के साथ ही नगरी निकाय आमजन मे बढ़ावा देने के लिए जन जागरूकता के माध्यम से लोगों को सौर ऊर्जा के महत्व के बारे में बता रहे हैं। फरवरी और मार्च दो महीने के दौरान इंदौर में 25000, भोपाल में 17,000, उज्जैन में 9000 परिसरों की छतों पर सौर ऊर्जा की पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है। सब कुछ ठीक रहा तो दो महीना में मध्य प्रदेश में नई सौर ऊर्जा की छते बिजली पैदा करेंगी, इससे तकरीबन 500 मेगावाट क्षमता की बिजली सूरज की करने से बनने लगेंगी।
12400 छतों पर बन रही बिजली: सौर ऊर्जा से बिजली की पैनल लगाने का क्रम तकरीबन 7 साल पहले 2016 में इंदौर में भी शुरू हो गया था, वर्तमान में इंदौर शहर में 7000, भोपाल में 4500 और उज्जैन में 900 छतों के परिसरों पर की परिसरों पर सौर ऊर्जा की पैनल लगी हुई है जहां पर 200 मेगावाट क्षमता के उपकरण लगाए गए हैं। इंदौर उज्जैन भोपाल में नगरी निकाय और बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक और विभागीय अमला भी लोगों के बीच जनजागरूकता के लिए लगा हुआ है। इंदौर शहर में बिजली के 30 झोन के माध्यम से सौर ऊर्जा की खासियत लोगों को बताई जा रही है।