महाकुंभ 2025: संगम में डुबकी के बाद घर लौट रहे श्रद्धालुओं से ट्रेनें ठसाठस, जनरल जैसे हो गए AC कोच

महाकुंभ 2025: महाकुंभ में अंतिम स्नान पर्व के साथ ही ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ का रुख बदल गया है। बुधवार रात से प्रयागराज से जबलपुर की ओर आने वाली ट्रेनों में यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। महाकुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण लंबी दूरी की ट्रेनों के वातानुकूलित कोच भी जनरल डिब्बों जैसी स्थिति में पहुंच गए हैं। यात्रियों को भीड़, सीटों की कमी और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों को राहत देने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने में जुटा है।

स्लीपर कोच भी यात्रियों से ठसाठस भरे हुए हैं। घर लौटने की हड़बड़ी में कई यात्री अनारक्षित टिकट लेकर आरक्षित कोच में चढ़ रहे हैं। इनकी संख्या अधिक होने के कारण महीनों पहले आरक्षण कराने वाले यात्री परेशान हो रहे हैं और उनमें आक्रोश पनप रहा है। सीटों की कमी और भीड़ के कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने और व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास कर रहा है।

आरक्षित कोचों में क्षमता से अधिक यात्री होने के कारण यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने और उतरने में काफी परेशानी हो रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए प्रयागराज से अनारक्षित स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन ये ट्रेनें भी ठसाठस भरी हुई आ रही हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज रेलवे स्टेशन से कुछ ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है, जिससे जबलपुर होकर जाने वाली अन्य ट्रेनों में भीड़ और ज्यादा बढ़ गई है।

बीच के स्टेशनों से एक्सप्रेस ट्रेनों में आरक्षण कराने वाले यात्री कई बार भीड़ के कारण ट्रेन में सवार नहीं हो पा रहे हैं। वहीं, दरवाजे तक भरी भीड़ के कारण कई यात्रियों को अपने गंतव्य पर उतरने के लिए कोच की आपातकालीन खिड़की से बाहर निकलने की नौबत आ रही है। रेलवे प्रशासन स्थिति को संभालने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन भीड़ के दबाव से यात्रियों की परेशानी बनी हुई है।

प्रयागराज से जबलपुर रेलखंड में सतना और कटनी तक यात्रियों की भीड़ का दबाव सबसे अधिक है। बुधवार को भी प्रयागराज से जबलपुर की ओर स्पेशल ट्रेन चलाई गई है। जबलपुर रेल मंडल ने स्पेशल अनारक्षित ट्रेनों के लिए कुछ रैक रिजर्व रखे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत चलाया जा सके। इन ट्रेनों को सतना और कटनी स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ के अनुसार संचालित किया जा रहा है। जिस दिशा में यात्रियों की संख्या अधिक होगी, उस ओर ट्रेन तुरंत रवाना करने की व्यवस्था की गई है।

इसके अलावा, श्रद्धालुओं की आवश्यकता को देखते हुए रेलवे की योजना है कि कटनी से बीना की ओर भी एक स्पेशल ट्रेन चलाई जाए, जिससे प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या से लौटने वाले श्रद्धालु जब सतना और कटनी पहुंचें तो उन्हें आगे का रेल संपर्क आसानी से मिल सके। रेलवे प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।