स्वतंत्र समय, प्रयागराज
कुछ आतंकी संगठनों ने प्रयागराज महाकुंभ ( Maha Kumbh )-2025 को टारगेट करने की साजिश बनाई है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) ने यूपी के होम डिपार्टमेंट को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी है।
आतंकी Maha Kumbh को कर सकते हैं टारगेट
पिछले हफ्ते भेजी इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खालिस्तानी और पाकिस्तानी आतंकी, प्रॉक्सी नाम से महाकुंभ ( Maha Kumbh ) को टारगेट कर सकते हैं। उन्होंने अपने स्लीपर सेल को एक्टिव करने का काम भी शुरू कर दिया है। स्टेट एलआईयू की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आतंकी साधु, पुजारी, अघोरी और गेरुआ वस्त्र धारण कर मेले में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे ही कुछ इनपुट आईबी की रिपोर्ट में भी दिए गए हैं। यही वजह है कि महाकुंभ में सीक्रेट पुलिसकर्मियों को साधुओं के वेश में तैनात किया जा रहा है, ताकि वे मेला क्षेत्र में हर गतिविधियों पर नजर रख सकें। ये कुंभ मेले में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर, अखाड़ा के पंडालों में और संगम तट पर तैनात रहेंगे। इस बार मेला 40 हजार वर्ग किलोमीटर एरिया में है। सुरक्षा में 60 हजार जवान तैनात किए गए हैं। 2019 के कुंभ का दायरा 3200 वर्ग किलोमीटर था।
एटीएस से लेकर एनआईए तक एक्टिव
इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए स्टेट होम डिपार्टमेंट ने अपने सभी विंग को एक्टिव कर दिया है। कुंभ मेले में एटीएस, आईबी, एसटीएफ, एलआईयू, बम डिस्पोजल स्क्वॉड और एनआईए की टीमें काम कर रही हैं। इस अलर्ट के बाद मेला क्षेत्र में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच शुरू हो गई है। हर एंट्री पॉइंट पर रजिस्टर लेकर पुलिसकर्मी खड़े हैं। गाड़ी से मेले में आने वालों के नाम, पता व मोबाइल नंबर दर्ज किए जा रहे हैं। आधार कार्ड से उनका मिलान करवाया जा रहा है। जिन गाडिय़ों पर संदेह हो रहा है, उनकी गहन जांच करवाई जा रही है। संदिग्ध गाडिय़ों और लोगों की तस्वीरें खींचकर उनका मिलान पुलिस के पास मौजूद डेटाबेस से किया जा रहा है।
ड्रोन, सीसीटीवी से की जा रही मेला क्षेत्र की सुरक्षा
इसके अलावा एआई आधारित सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन और एंटी ड्रोन सिस्टम से मेले की सुरक्षा को पुख्ता किया गया है। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस डिपार्टमेंट और साइबर सेल ने 6 हजार से ज्यादा सोशल मीडिया प्रोफाइल सर्च किए हैं। कई संदिग्धों को सर्विलांस और कॉल इंटरसेप्ट के जरिए 24 घंटे मॉनिटर किया जा रहा है। इसी जांच के दौरान स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट को एक संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी मिली है। इसमें आतंक का ‘सीक्रेट कोड’
दर्ज है।