Maha Kumbha 2025: महाकुंभ’ का शुभारंभ, आज 1 करोड़ श्रद्धालु लगाएंगे डुबकी, 12 किमी चलकर पहुंच रहें संगम, विदेशी भक्त बोले- जय श्रीराम

Maha Kumbha 2025: महाकुंभ का शुभारंभ भारतीय संस्कृति और आस्था का महत्वपूर्ण पर्व है। पौष पूर्णिमा के दिन संगम स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का भारी उत्साह देखने को मिलता है। पहले दिन लगभग 1 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान यह दर्शाता है कि यह आयोजन कितना विशाल और पवित्र है।

संगम में स्नान के साथ ही श्रद्धालु आज से 45 दिनों के लिए कल्पवास शुरू करेंगे, जो साधना, तप, और धार्मिक गतिविधियों का एक अनूठा अवसर है। इस दौरान श्रद्धालु संयमित जीवनशैली अपनाते हैं, यज्ञ, हवन, और दान जैसे धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं। महाकुंभ मेले का यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की विविधता को भी उजागर करता है।

महाकुंभ में संगम पर स्नान के लिए किए गए 12 किमी के विशाल क्षेत्र में व्यवस्थाएं भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर की गई हैं। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी को संभालने के लिए प्रशासन द्वारा वाहनों को 12 किमी दूर ही रोक दिया जा रहा है, जिससे भीड़भाड़ और अव्यवस्था से बचा जा सके।

श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने के लिए 12 किमी पैदल चलना पड़ रहा है, लेकिन उनकी आस्था इतनी प्रबल है कि इस कठिनाई को वे पूरी भक्ति और समर्पण से पार कर रहे हैं। संगम के सभी मार्गों पर भक्तों की भारी भीड़ दिख रही है, जो इस आयोजन की भव्यता और भारतीय संस्कृति में विश्वास को दर्शाती है। इस दौरान प्रशासन ने मार्गदर्शन, पानी, चिकित्सा, और सुरक्षा जैसी सभी सुविधाएं सुनिश्चित की हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

महाकुंभ के विशाल आयोजन में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए 60,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस, कमांडो, और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान हर क्षेत्र में मुस्तैद हैं, ताकि भीड़ को सुव्यवस्थित ढंग से नियंत्रित किया जा सके और किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

पुलिसकर्मी लगातार लाउडस्पीकर के माध्यम से श्रद्धालुओं को सही दिशा और मार्गदर्शन दे रहे हैं, जिससे भीड़ को सुरक्षित और सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सके। साथ ही, प्रमुख स्थानों और संवेदनशील क्षेत्रों में कमांडो तैनात हैं, जो हर गतिविधि पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

अत्याधुनिक तकनीक, सीसीटीवी कैमरे, और ड्रोन के उपयोग से सुरक्षा और भी सुदृढ़ की गई है। प्रशासन का यह समर्पण और अनुशासन इस भव्य आयोजन को सफल और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

महाकुंभ के प्रति न केवल भारतीयों बल्कि विदेशियों का भी उत्साह और आस्था अद्वितीय है। ठंड के बावजूद महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भक्ति और समर्पण देखते ही बनता है। इस वर्ष, महाकुंभ में एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल की उपस्थिति ने आयोजन को और खास बना दिया है।

लॉरेन पॉवेल ने निरंजनी अखाड़े में अनुष्ठान कर अपने कल्पवास की शुरुआत की, जो उनकी भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के प्रति गहरी रुचि को दर्शाता है। यह उदाहरण दिखाता है कि महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

विदेशी भक्तों की उपस्थिति इस आयोजन की वैश्विक पहचान और महत्व को उजागर करती है। लॉरेन जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों का शामिल होना भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति दुनिया के बढ़ते सम्मान का प्रतीक है।