मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) को नया नेतृत्व मिल गया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं। यह चुनाव इंदौर में सोमवार, 2 सितंबर को हुई एमपीसीए की वार्षिक आम सभा (AGM) के दौरान संपन्न हुआ। उनके अध्यक्ष चुने जाने की औपचारिक घोषणा AGM में की गई और इसी के साथ नई कार्यकारिणी की घोषणा की प्रक्रिया भी शुरू हुई।
सिंधिया परिवार का क्रिकेट से दशकों पुराना रिश्ता
क्रिकेट प्रशासन और एमपीसीए पर सिंधिया परिवार का दबदबा दशकों से रहा है। तीन पीढ़ियों से सिंधिया परिवार क्रिकेट की राजनीति और संचालन से जुड़ा रहा है। सबसे पहले स्वर्गीय माधवराव सिंधिया ने एमपीसीए की कमान संभाली थी। उनके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया इस पद पर पहुंचे और अब उनके पुत्र महाआर्यमन सिंधिया ने इस विरासत को आगे बढ़ाया है। इससे साफ है कि मध्य प्रदेश क्रिकेट की बागडोर लगातार सिंधिया परिवार के हाथों में रही है और अब इसका नेतृत्व युवाओं को सौंपा गया है।
29 साल की उम्र में सबसे युवा अध्यक्ष
महाआर्यमन सिंधिया ने महज 29 वर्ष की उम्र में अध्यक्ष बनकर एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम था, जो 35 साल की उम्र में अध्यक्ष बने थे। वहीं उनके दादा स्व. माधवराव सिंधिया 37 साल की आयु में पहली बार एमपीसीए अध्यक्ष बने थे। इस लिहाज़ से महाआर्यमन अब तक के सबसे युवा अध्यक्ष कहलाएंगे और उन्होंने दादा-पिता दोनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
सिंधिया समर्थकों में जश्न का माहौल
महाआर्यमन के अध्यक्ष बनने की खबर के बाद सिंधिया परिवार के समर्थकों में जबरदस्त खुशी की लहर है। इंदौर समेत कई जगहों पर बधाई के बैनर-पोस्टर लगाए गए। AGM के बाद इंदौर में कई कार्यकर्ताओं और क्रिकेट प्रेमियों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। समर्थकों का मानना है कि युवा नेतृत्व के आने से एमपी क्रिकेट में नई ऊर्जा और आधुनिक दृष्टिकोण देखने को मिलेगा।
पहले से सक्रिय क्रिकेट प्रशासन में
महाआर्यमन सिंधिया पहले से ही क्रिकेट प्रशासन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वह वर्तमान में ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) के उपाध्यक्ष हैं। इसके अलावा, वह मध्य प्रदेश क्रिकेट प्रीमियर लीग के चेयरमैन भी हैं। इस कारण क्रिकेट प्रबंधन के क्षेत्र में उनकी पकड़ और अनुभव पहले से है, और अब एमपीसीए की बागडोर मिलना उनके लिए बड़ी जिम्मेदारी है।