Mahakaal को लगने लगी ‘गर्मी’, शरद पूर्णिमा तक करेंगे ठंडे जल से स्नान

अक्षय दुबे, उज्जैन

क्या किसी भगवान को गर्मी या ठंड का एहसास होता है….इसका उत्तर भले ही लोग खोजते रहे लेकिन विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर  मंदिर में शनिवार 15 मार्च से महाकाल ( Mahakaal ) को ठंडे पानी से स्नान कराने की शुरुआत जरूर हो गई है और यह सिलसिला शरद पूर्णिमा तक सतत चलता रहेगा। इसके बाद महाकाल ठंडे पानी की बजाय गरम पानी से स्नान करेंगे। ऐसा माना जाता है कि चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गर्मी की शुरुआत हो जाती है। इसी कारण विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार से बाबा महाकाल को ठंडे जल से स्नान करवाया गया।

Mahakaal मंदिर में वर्ष में दो बार बदलाव

मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि महाकाल  ( Mahakaal ) मंदिर में भगवान महाकाल के स्नान की परंपरा में वर्ष में दो बार बदलाव किया जाता है। 15 मार्च से बाबा महाकाल को ठंडे जल से स्नान करना शुरू कर दिया गया है। साथ ही मंदिर में प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में भी बदलाव किया गया है।

  • कब तक होगा ठंडे पानी से स्नान:  चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा 15 मार्च से
  • कब तक:  शरद पूर्णिमा तक
  • क्यों: गर्मी की शुरुआत में भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए इस दौरान भगवान महाकाल की दिनचर्या और आरतियों का समय भी बदल जाता है।

पुराणों में मिलता है मंदिर की महिमा का वर्णन

उज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। कालिदास से शुरू करते हुए, कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने के कारण दक्षिणामूर्ति मानी जाती है। यह एक अनूठी विशेषता है, जिसे तांत्रिक परंपरा द्वारा केवल 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर में पाया जाता है।

कब आएगा वह दिन जब गर्म पानी से स्नान होगा….

मंदिर के पंडितों के अनुसार महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में गर्मी व सर्दी के क्रम में प्रत्येक छह माह में भगवान की दिनचर्या बदलती है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से मंदिर में सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन से भगवान महाकाल ठंडे के बजाय गर्म जल से स्नान करना प्रारंभ करते हैं। साथ ही आरती का समय भी बदलता है। महाकाल मंदिर में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी से भस्म आरती में बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने की शुरुआत होगी और यह क्रम फाल्गुन पूर्णिमा तक जारी रहेगा।

अब इस समय होगी मंदिर में ये आरती…

  • प्रथम भस्म आरती- प्रात: 4:00 से 06:00 बजे तक
  • द्वितीय दद्योदक आरती- प्रात: 07:00 से 07:45 बजे तक
  • तृतीय भोग आरती- प्रात: 10:00 से 10:45 बजे तक
  • चतुर्थ संध्या पूजन- सायं 05:00 से 05:45 बजे तक
  • पंचम संध्या आरती- सायं 07:00 से 07:45 बजे तक
  • शयन आरती- रात्रि 10:30 से 11:00 बजे तक