Mahakal Darshan: ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं।
नई व्यवस्था की मुख्य विशेषताएं
1. प्रवेश मार्ग:
• श्रद्धालुओं को कर्कराज पार्किंग से शक्तिपथ होते हुए श्री महाकाल महालोक के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
• यह मार्ग करीब ढाई किलोमीटर लंबा होगा।
2. दर्शन का समय:
• प्रशासन का दावा है कि नई व्यवस्था के तहत श्रद्धालु 45 मिनट में भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे।
3. अन्य तैयारियां:
• बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन बढ़ाया जाएगा।
• भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पार्किंग और लाइन प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है।
यह कदम श्रद्धालुओं की सुविधा और दर्शन अनुभव को सुगम बनाने के लिए उठाया गया है। प्रशासन की ओर से यह अपील भी की गई है कि श्रद्धालु तय दिशा-निर्देशों का पालन करें। महाकाल मंदिर में नए साल के दर्शन हेतु पार्किंग और प्रवेश की विशेष व्यवस्था
पार्किंग स्थान
1. हरिफाटक ब्रीज के नीचे
2. हाटबाजार परिसर
3. कर्कराज, कलोता व भील समाज धर्मशाला परिसर
4. कार्तिक मेला ग्राउंड
5. माधव सेवा न्यास परिसर
दर्शन के लिए प्रवेश मार्ग
1. सामान्य दर्शनार्थी:
• प्रवेश मार्ग:
• चारधाम मंदिर के सामने से कतार में लगना होगा।
• शक्तिपथ → श्री महाकाल महालोक → मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर → महाकाल टनल-1 → गणेश मंडप।
• स्थान: यहां से भगवान महाकाल के दर्शन होंगे।
2. वीआईपी दर्शनार्थी
• प्रवेश मार्ग:
• हरिफाटक ओवर ब्रीज → बेगमबाग → नीलकंठ द्वार।
• विशेष व्यवस्था:
• वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए अलग पार्किंग की सुविधा।
3. वृद्ध व दिव्यांग भक्त
• प्रवेश मार्ग:
• मंदिर कार्यालय के सामने अवंतिका से।
• सुविधा:
• यहां निशुल्क व्हीलचेयर उपलब्ध होगी।
विशेष दिशा-निर्देश
• श्रद्धालुओं को निर्धारित स्थानों पर वाहन पार्क करने के बाद पैदल या तय मार्गों से मंदिर में प्रवेश करना होगा।
• प्रशासन ने भीड़ को सुगम बनाने और सभी को आसानी से दर्शन कराने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं।
दर्शन उपरांत मार्ग व्यवस्था
भगवान महाकाल के दर्शन के बाद भक्तों के बाहर निकलने और मार्ग का निर्धारण इस प्रकार किया गया है:
मंदिर से बाहर निकलने का मार्ग
1. निकासी द्वार:
• गेट नंबर 10
• निर्माल्य द्वार
2. बाहर निकलने के बाद का मार्ग:
• बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होकर।
• हरसिद्धि चौराहा।
• पुनः चारधाम मंदिर।
सुविधा का उद्देश्य
• भक्तों के प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं ताकि भीड़ प्रबंधन सुचारू रहे।
• यह व्यवस्था श्रद्धालुओं को व्यवस्थित रूप से दर्शन कराने और मंदिर परिसर के भीतर और बाहर सुगमता बनाए रखने के लिए की गई है।