राजेश राठौर- कटनी के एक आईएएस अफसर को उज्जैन के महाकाल लोक से कुछ ज्यादा ही प्रेम हो गया है। यह प्रेम शिव भक्ति के साथ-साथ दिल का भी है। कटनी के अफसर अक्सर उज्जैन की यात्रा करते हैं। यदा-कदा उज्जैन की महिला अफसर भी इंदौर में इनके साथ घूमती देखी जा सकती है । वल्लभ भवन के गलियारों में इस नए प्रेमी जोड़े की खबर चटकारे लेकर अफसर सुना रहे हैं।
बजट के बाद फाइनल सूची
मध्य प्रदेश सरकार चुनाव के पहले और बजट के बाद याने अप्रैल-मई में अफसरों की थोक बंद तबादला सूची जारी करने वाली है । इस सूची में कई आईएएस-आईपीएस के साथ ही दूसरे विभागों के अफसर भी अपना नाम लिखवाएंगे। वैसे प्रदेश सरकार का अभी जो फार्मूला चल रहा है, उसके मुताबिक कलेक्टर और एसपी जैसे मुख्य पदों पर प्रमोटी अफसरों को बिठाया जाएगा। ताकि चुनाव जिताने में आफ द रिकॉर्ड सहयोग पार्टी को कुछ ज्यादा मिल सके। ऐसे अफसरों के बारे में विचार तो शुरू हो चुका है। वैसे शिवराज भी आजकल तबादला सूची में चौकाने वाले नाम जारी करवा रहे हैं। जिनके नाम चलते हैं। वह अफसर कहीं से कहीं और चले जाते हैं, और जिनका नाम नहीं चलता वह खास पदों पर बैठे हुए दिखाई देते हैं।
नए कलेक्टर की नई टीम
इंदौर कलेक्टर टी इलैया राजा की नई टीम का सबको इंतजार है। वैसे कहा जा रहा है कि अपर कलेक्टर अभय बेडेकर जो लंबे समय से नए पद की चाहत में घूम रहे हैं। वह कहीं ना कहीं किसी जिले के खास पद पर जा सकते हैं। इसके अलावा एक और अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा भी रवाना होने वाले हैं। वैसे पुराना अनुभव तो शर्मा के बारे में बताता है कि वह इंदौर में ही रहेंगे, लेकिन किसी ऐसे पद पर जहां चुनाव आयोग का डंडा नहीं चल सके और चुनाव में काम भी नहीं करना पड़े।
भरोसा कायम है नमक की तरह
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के तबादले को लेकर अभी तक चर्चा होना आश्चर्य की बात है, क्योंकि पहले उनका नाम इंदौर कलेक्टर के लिए चला था। यह कहा जा रहा था कि महाकाल लोक के काम से शिवराज बहुत खुश है, और उन्हें इनाम के तौर पर इंदौर कलेक्टर की कुर्सी मिल जाएगी। जब इनका इंदौर तबादला नहीं हुआ, तो फिर लगा कि वह किसी और बड़े जिले में कलेक्टर बन सकते हैं, लेकिन जब सूची आई तो पता चला कि आशीष सिंह भोपाल कूच कर गए। वैसे आशीष सिंह को जिस मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन की जवाबदारी सौंपी है वहां पर विवेक अग्रवाल जैसे धुरंधर अफसर रहे हैं। इसके अलावा शिवराज ने उन पर भरोसा जताते हुए सरकारी जमीन बेचने का काम भी सौंप दिया. रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन का काम देने का कारण यह बताया जा रहा है कि बड़ी सड़कों का काम चुनाव के पहले शुरू करना है। जिसकी तैयारी भी आशीष सिंह ने काम संभालते ही शुरू कर दी है।
राजौरा के बाद मंडलोई
प्रदेश सरकार के बड़े पदों पर विराजमान तमाम अफसरों में एक ऐसे अफसर हैं जो अपने विभाग की कार्रवाई का आदेश बकायदा सोशल मीडिया पर जारी करवाते हैं। खुद सरकारी कार्यक्रम के फोटो डिटेल के साथ फेसबुक पर भी डालते हैं। यह अफसर है अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा । अब इसी तर्ज पर नीरज मंडलोई काम कर रहे हैं। जो शांति के साथ काम करना पसंद करते हैं, और किसी के साथ बुरा बर्ताव भी नहीं करते। मंडलोई के पास सबसे महत्वपूर्ण काम है प्रदेश के सभी नगर निगम, विकास प्राधिकरण और मास्टर प्लान का बनाने का । अवैध कॉलोनियों को वैध करने को लेकर जिस तेज गति के साथ मंडलोई ने शिवराज के फरमान को जारी किया वह काबिले तारीफ है, क्योंकि मंडलोई ने हर आदेश को अब सार्वजनिक करना शुरू कर दिया है। जिससे किसी को यह पता करने में देरी नहीं लगती कि वास्तव में सरकार के आदेश में क्या लिखा है, क्योंकि नगर निगम के भ्रष्ट इंजीनियर तो भोपाल से आने वाले हर आदेश को दबा कर बैठ जाते हैं। या भोपाल के आदेश को अपने हिसाब से लेनदेन होने पर ही लागू करते हैं।
जब मुंह खुलेगा तो गंदा बोलेगा
लंबे समय तक सरकार की पसंद बने एक आईएएस अफसर के तबादले के बाद मालवा रीजन के अफसर राहत महसूस कर रहे हैं, क्योंकि इस अफसर की बदतमीजी के सारे रिकॉर्ड टूट चुके थे । यह अफसर कहने को तो खुद महाभ्रष्ट है, कई कालोनियों में इसकी पार्टनरशिप भी है। पैसे लेने के मामले में डिप्टी कलेक्टर के जमाने से रिकॉर्ड तोड़ चुका है। आई एएस होने के बाद इस अफसर का मुंह बड़ा हो गया था, इसलिए पैसे खाने के लिए भी ज्यादा लगते थे। इसी बड़े मुंह के कारण जब भी वह मुंह खोलता था, तो गंदी गाली बकता था। प्रदेश का यह पहला ऐसा प्रमोटी आईएएस अफसर है। जो खुद महा भ्रष्ट होने के बावजूद हर किसी अफसर को भ्रष्ट कहता है । जो भी लोग इससे मिलने के लिए जाते हैं उन सबको भी चोर कहता है। अब क्या करें ठाकुर मेहरबान तो गधा पहलवान। इस अफसर का नाम इसलिए खुला नहीं छाप रहे हैं क्योंकि कुछ तो काम हमारे पाठकों को भी तो करना चाहिए ।