नए साल के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति ने दर्शन व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं। 25 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक सभी श्रद्धालुओं, चाहे वे सामान्य हों या वीआईपी, को केवल मानसरोवर गेट से ही प्रवेश दिया जाएगा। इस दौरान गर्भगृह और नंदी हॉल में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
यह निर्णय क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के दौरान लगभग 5 से 7 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना को ध्यान में रखकर लिया गया है। प्रशासन का लक्ष्य है कि भक्तों को 45 से 60 मिनट के भीतर सुगमता से दर्शन कराए जा सकें।
एक ही द्वार से प्रवेश, दर्शन बेरिकेड्स से
कलेक्टर और मंदिर समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। नई व्यवस्था के तहत, सभी भक्त महाकाल लोक होते हुए मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से मंदिर में प्रवेश करेंगे। यहां से वे कतार में लगकर गणेश मंडपम पहुंचेंगे, जहां बेरिकेड्स से ही भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं के लिए निकास का रास्ता बड़े गणेश मंदिर की ओर रहेगा।
भक्तों के लिए विशेष इंतजाम
मंदिर प्रशासक संदीप सोनी के अनुसार, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। दर्शन मार्ग पर कारपेट बिछाया जाएगा ताकि भक्तों को नंगे पैर चलने में परेशानी न हो। जगह-जगह पर जूता स्टैंड, पेयजल और अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, कर्कराज मंदिर, भील धर्मशाला और अन्य निर्धारित स्थानों पर वाहनों की पार्किंग की सुविधा होगी, जहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए ई-रिक्शा भी उपलब्ध रहेंगे।
भस्म आरती की व्यवस्था यथावत
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भस्म आरती की दर्शन व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह पहले की तरह ऑनलाइन बुकिंग पर ही आधारित रहेगी। हालांकि, मंदिर परिसर में मोबाइल फोन ले जाने पर लगे प्रतिबंध का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र और एम्बुलेंस भी तैनात की जाएंगी। इन सभी बदलावों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नए साल पर आने वाले लाखों भक्त बिना किसी परेशानी के बाबा महाकाल के दर्शन कर सकें।