स्वतंत्र समय, प्रयागराज
महाकुंभ ( Mahakumbh ) का गुरुवार को 39वां दिन था। सुबह से ही संगम आने वाले सभी रास्तों पर 8 से 10 किमी तक श्रद्धालुओं की भीड़ थी। शहर के बाहर की पार्किंग में ही वाहनों को रोका जा रहा है। वहां से शटल बस और ई-रिक्शा से श्रद्धालु महाकुंभ पहुंच रहे हैं। शाम 6 बजे तक करीब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। 13 जनवरी से अब तक 56.75 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
Mahakumbh में मेला खत्म होने में 6 दिन बाकी
महाकुंभ ( Mahakumbh ) में संगम तट पर भीड़ न हो, इसलिए पुलिस श्रद्धालुओं से स्नान करके वहां से हटने की अपील कर रही है। मेला खत्म होने में 6 दिन और बचे हैं। प्रशासन का अनुमान है कि कल यानी शुक्रवार से महाकुंभ में भीड़ बढ़ेगी। क्योंकि, यह महाकुंभ का आखिरी वीकेंड है। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान के साथ मेला खत्म हो जाएगा। भीड़ के चलते प्रयागराज में स्कूलों में आठवीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन लगेंगी। इस संबंध में 20 फरवरी को आदेश जारी किया गया है। प्रयागराज आने-जाने वाली 8 ट्रेनें 28 फरवरी तक रद्द कर दी गई हैं। 4 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। संगम पर पुलिस श्रद्धालुओं से स्नान करके हटने की अपील कर रही है, जिससे तट पर भीड़ न बढ़े।
प्रयोगशाला में साबित किया गंगा जल सबसे शुद्ध
महाकुंभ में अब तक 57 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। इसके बावजूद गंगा जल की शुद्धता पर कोई असर नहीं पड़ा है। मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम के साथ वैज्ञानिक विमर्श करने वाले पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार सोनकर ने अपनी प्रयोगशाला में यह सिद्ध कर दिया है कि गंगा का जल न केवल स्नान योग्य है, बल्कि अल्कलाइन वाटर जैसा शुद्ध है। गंगा नदी के जल की शुद्धता पर सवाल उठाने वालों को देश के शीर्ष वैज्ञानिक ने अपनी प्रयोगशाला में झूठा साबित कर दिया है। उन्होंने अपने सामने गंगा जल लेकर प्रयोगशाला में जांचने की खुली चुनौती भी दी है।