स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने गुरुवार को महाराष्ट्र के अमरावती जिले की मेलघाट विधानसभा क्षेत्र के चिखलदरा,अचलपुर और चांदूर बाजार में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा-हम धर्म के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं। हम जब भी धर्म और अपनी सनातन संस्कृति की बातें करते हैं, तो कांग्रेसियों की छाती पर सांप लोटने लगता है। जिन लोगों को राम पसंद नहीं है, महाराष्ट्र की जनता इस चुनाव में उनका राम नाम सत्य कर दे।
CM Mohan Yadav बोले- मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र दो भाईयों की तरह
मुख्यमंत्री यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र पड़ोसी प्रदेश हैं और दो भाईयों की तरह हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर हमारे इस संबंध को और भी मजबूत बनाते हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान की रचना की। उनका जन्म मप्र के महू में हुआ था, लेकिन महाराष्ट्र उनकी कर्मभूमि रहा। यहां उन्होंने शिक्षा-दीक्षा ली, कई सारे आंदोलन किए और समाज को जागृत करने का काम किया। उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों, वंचितों के लिए लड़ाई लड़ी। प्रभु श्रीराम वनवास के दौरान 11 वर्षों तक मप्र के चित्रकूट में रहे। वहां से दंडकारण्य और पंचवटी आए। उन्होंने जनजातीय समाज के बीच रहते हुए उन्हीं की सहायता से रावण जैसे अहंकारी को परास्त किया।
यह हमारी संस्कृति की रक्षा का चुनाव
डॉ.यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति माता-बहनों का सम्मान करना सिखाती है। सनातन संस्कृति मातृ सत्ता पर आधारित है। हम धरती को माता कहकर शीश झुकाते हैं। दुनिया में 200 से अधिक देश हैं, लेकिन सिर्फ भारत देश में ही ‘भारत माता की जय’ बोला जाता है। लेकिन कांग्रेस के लोगों को हमारी सनातन संस्कृति पसंद नहीं है। हम माता-बहनों के सशक्तीकरण के लिए योजनाएं चलाते हैं, उनके खाते में पैसे डालते हैं, तो कांग्रेसियों को मिर्ची लगती है। कांग्रेस के लोगों को तो बस बांग्लादेशी घुसपैठिए पसंद हैं। ये घुसपैठिए हमारी बहन-बेटियों को छेड़ते हैं, उनकी इज्जत लूटते हैं और जिहाद करते हैं। उनसे शादी करके ये लोग उनके घर, जमीनों पर कब्जे करना चाहते हैं। यादव ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण से दिक्कत है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को ही नकारा था। अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनने के बाद आज तक कांग्रेस का कोई नेता दर्शन करने नहीं पहुंचा।