इस सरकार में महात्मा गांधी की विरासत को खतरा…सोनिया गांधी का CWC को पत्र

कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हो रही है। इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। हालांकि, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बैठक में शामिल नहीं हो सकीं। उन्होंने एक भावुक पत्र के माध्यम से पार्टी नेताओं को संबोधित किया और महात्मा गांधी की विरासत पर मंडरा रहे खतरों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।

महात्मा गांधी की विरासत पर खतरे की बात

सोनिया गांधी ने अपने पत्र में कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में महात्मा गांधी की विरासत खतरे में है। उन्होंने दावा किया कि आज जो संगठन सत्ता में हैं, उन्होंने कभी आजादी की लड़ाई में योगदान नहीं दिया, बल्कि महात्मा गांधी का विरोध किया। उन्होंने लिखा, “इन संगठनों ने ऐसा विषैला वातावरण तैयार किया, जिसने महात्मा गांधी की हत्या का मार्ग प्रशस्त किया। अब वे गांधी के हत्यारों का महिमामंडन कर रहे हैं।”

गांधीवादी संगठनों पर हमलों की निंदा

सोनिया गांधी ने देशभर में गांधीवादी संगठनों पर हो रहे हमलों की निंदा की। उन्होंने सुझाव दिया कि इस वर्किंग कमेटी की बैठक को “नव-सत्याग्रह बैठक” का नाम दिया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी को इन ताकतों से लड़ने का संकल्प लेना चाहिए।

संगठन को मजबूत करने पर दिया जोर

पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी का गौरवशाली इतिहास बार-बार उसके लचीलेपन को दर्शाता है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से अपील की कि वे व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से संगठन को मजबूत करने और नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं।

100 साल पहले बेलगावी में हुआ था ऐतिहासिक अधिवेशन

सोनिया गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि आज से ठीक 100 साल पहले, 1924 में बेलगावी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39वां अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन में महात्मा गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे, जो पार्टी और स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ था। उन्होंने इसे “महात्मा गांधी नगर” में आयोजित बैठक का एक प्रतीकात्मक महत्व बताया।

महात्मा गांधी हमारी प्रेरणा हैं

सोनिया गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी की शिक्षाएं और सिद्धांत हमेशा पार्टी के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। उन्होंने लिखा, “गांधीजी ने हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और पार्टी के नेताओं को आकार दिया। उनकी विरासत को संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।”

सत्ता में बैठे लोगों पर तीखा प्रहार

सोनिया गांधी ने वर्तमान सत्ताधारी पार्टी और उनकी विचारधारा पर तीखा प्रहार करते हुए लिखा, “नई दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों ने कभी आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने गांधीजी का विरोध किया और उनके हत्यारों का महिमामंडन किया।”

सामूहिक संकल्प के साथ आगे बढ़ने की अपील

सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया कि वे नई ऊर्जा और उद्देश्य के साथ पार्टी को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि पार्टी की विरासत और सिद्धांत हमें एकजुट रखते हैं और हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।