25 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई भारत की पहली बड़े पैमाने की 3D एनिमेटेड भक्ति-आधारित फिल्म Mahavatar Narsimha ने दर्शकों के दिलों में अपनी गहरी छाप छोड़ी है। होमबले फिल्म्स और क्लीम प्रोडक्शन्स के बैनर तले बनी इस फिल्म ने रिलीज के पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार शुरुआत की और अपने 30 करोड़ रुपये के बजट का आधा हिस्सा वसूल कर लिया। IMDb और BookMyShow पर 9.9/10 की अभूतपूर्व रेटिंग और Google पर 5/5 के स्कोर के साथ यह फिल्म भारतीय सिनेमा में एक नया इतिहास रच रही है।
कहानी जो छू गई दिल को
Mahavatar Narsimha विष्णु पुराण, नरसिंह पुराण और श्रीमद् भागवत पुराण से प्रेरित है। यह फिल्म भक्त प्रह्लाद और भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की कालजयी कहानी को आधुनिक तकनीक और भावनात्मक गहराई के साथ प्रस्तुत करती है। कहानी में दानव राजा हिरण्यकश्यप, जो स्वयं को भगवान घोषित कर विष्णु से बदला लेना चाहता है, और उसके पुत्र प्रह्लाद, जो विष्णु के प्रति अटूट भक्ति रखता है, के बीच संघर्ष को दर्शाया गया है। भगवान विष्णु नरसिंह के रूप में प्रकट होकर दानव का अंत करते हैं और ब्रह्मांडीय संतुलन को पुनर्स्थापित करते हैं।
फिल्म की कहानी न केवल धार्मिक भावनाओं को जगाती है, बल्कि आधुनिक समाज में विश्वास, करुणा, और अहंकार के खिलाफ लड़ाई जैसे गहरे संदेश भी देती है। प्रह्लाद का अपने पिता के अत्याचारों के बावजूद विश्वास बनाए रखना दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है।
Mahavatar Narsimha: तकनीकी उत्कृष्टता और दृश्यों का जादू
निर्देशक अश्विन कुमार ने इस फिल्म को एक दृश्यात्मक उत्कृष्ट कृति बनाया है। भारतीय सिनेमा में एनिमेशन के क्षेत्र में यह फिल्म एक मील का पत्थर साबित हुई है। 3D विजुअल्स, स्वर्गलोक से लेकर पृथ्वी तक के दृश्यों को जीवंत करने में, और विशेष रूप से नरसिंह अवतार के परिवर्तन दृश्यों में, फिल्म ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सम सी.एस. का बैकग्राउंड स्कोर, जो संस्कृत भजनों, आदिवासी ताल और ऑर्केस्ट्रा का मिश्रण है, कहानी की भावनात्मक गहराई को और बढ़ाता है।
हालांकि, कुछ समीक्षकों ने एनिमेशन में मामूली खामियों का जिक्र किया है, जो बजट की सीमाओं के कारण हो सकती हैं, लेकिन यह फिल्म के समग्र प्रभाव को कम नहीं करता। क्लाइमेक्स सीन, जो अति-हिंसक होते हुए भी प्रभावशाली है, ने सिनेमाघरों में दर्शकों से खूब तालियां बटोरी हैं।