नीदरलैंड्स की धरती पर बसे माहेश्वरी समाज ने महेश नवमी के पावन अवसर पर एक रंगारंग और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 40 से अधिक माहेश्वरी परिवारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस आय़ोजन में विदेश में पले-बढ़े बच्चों को भारतीय संस्कृति, रीति-रिवाज और पारंपरिक से जोड़ना इसका उद्देश्य है।
कार्यक्रम का आयोजन ‘माहेश्वरी नीदरलैंड्स’ संस्था द्वारा किया गया, जो पिछले एक वर्ष से भारतीय मूल्यों को संजोने और समाज के लोगों को जोड़ने का कार्य कर रही है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय दूतावास के सांस्कृतिक केंद्र ‘द गांधी सेंटर’ के निदेशक क्रिश गुप्ता रहे, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा बढ़ाई।
सांस्कृतिक झलकियों से सजी शाम
कार्यक्रम में बच्चों और महिलाओं ने रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं, जिसने उपस्थित सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। खास आकर्षण रहा ‘मिनी इंडिया कल्चरल शो’, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए समाजजनों ने पारंपरिक वेशभूषा पहनकर भारत की सांस्कृतिक विविधता को मंच पर जीवंत कर दिया। इस अनूठे प्रदर्शन ने न केवल समारोह को जीवंत बनाया, बल्कि यह दर्शाया कि विदेश में रहकर भी भारत से जुड़ाव कितना गहरा है।
स्वाद और परंपरा का संगम
भोजन में राजस्थानी व्यंजन ‘दाल-बाटी-चूरमा’ ने सभी मेहमानों का दिल जीत लिया। पारंपरिक स्वाद और आत्मीय माहौल ने यह एहसास दिलाया कि भले ही ज़मीन यूरोप की हो, लेकिन दिल अब भी भारत में ही धड़कता है।
समाज की एकता का प्रतीक
कार्यक्रम की सफलता के पीछे समाज की सामूहिक भावना और आयोजन समिति की अथक मेहनत रही। आयोजकों संजय-निधि चांडक, हरीश-श्रीकंता मुंधड़ा, सुमित-मेघा माहेश्वरी, कोमल-आनंद लाहोटी और नितिशा-राम माहेश्वरी ने सभी सहभागियों का आभार व्यक्त किया और इस तरह के आयोजनों को निरंतर जारी रखने का संकल्प भी सबने लिया।
बढ़ता हुआ समाज, मजबूत होती पहचान
वर्तमान में नीदरलैंड्स में लगभग 90 माहेश्वरी परिवार रह रहे हैं और इस आयोजन ने दिखाया कि सीमाओं से परे भी संस्कृति की जड़ें कितनी गहरी हो सकती हैं। यह कार्यक्रम न केवल परंपराओं के संरक्षण का माध्यम ही नहीं बना, बल्कि एक ऐसी शाम भी रहा जिसने हर किसी को अपनेपन और भारतीय होने के गर्व से भी भर दिया।