राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में गुरुवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक सरकारी स्कूल की बिल्डिंग की छत अचानक गिर गई। यह हादसा उस समय हुआ जब स्कूल में सुबह की नियमित प्रार्थना सभा हो रही थी। बच्चों की प्रार्थना के दौरान अचानक जोरदार आवाज के साथ स्कूल की जर्जर छत भरभराकर गिर गई, जिससे वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। बताया जा रहा है कि इस हादसे में करीब 60 बच्चे मलबे में दब गए, जिससे पूरे गांव में मातम छा गया।
स्थानीय लोगों ने संभाली मोर्चा, बिना देर किए शुरू किया रेस्क्यू
घटना की सूचना मिलते ही पिपलोदी गांव के ग्रामीण घटनास्थल पर दौड़ पड़े और बिना समय गंवाए बचाव कार्य शुरू कर दिया। आसपास के लोग अपने संसाधनों के साथ जुट गए और जेसीबी मशीन मंगवाकर मलबा हटाने का प्रयास शुरू किया गया। ग्रामीणों के इस साहसिक प्रयास से कई बच्चों को मलबे से बाहर निकाल लिया गया, लेकिन स्थिति अब भी बेहद चिंताजनक बनी हुई है।
प्रशासन ने जेसीबी मशीनों से तेज किया राहत कार्य
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन भी तुरंत हरकत में आया। राहत और बचाव कार्य के लिए जेसीबी मशीनें तैनात कर दी गईं। प्रशासन का कहना है कि कुछ बच्चे अब भी मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं, इसीलिए युद्ध स्तर पर मलबा हटाने का काम चल रहा है। जिला प्रशासन और पुलिस टीम मौके पर मौजूद हैं और पूरे ऑपरेशन पर नजर रखे हुए हैं।
घायल बच्चों का हो रहा इलाज, कुछ की हालत गंभीर
इस भीषण दुर्घटना में घायल बच्चों को तत्काल नजदीकी अस्पताल, मनोहरथाना में प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही है। जहां हालत गंभीर पाई गई, उन्हें झालावाड़ के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार बच्चों के इलाज में जुटी है, और सरकार की ओर से हर जरूरी चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
स्थानीय विधायक ने जताया दुख, स्कूल भवन की स्थिति पर उठाए सवाल
घटना को लेकर स्थानीय विधायक गोविंद रानीपुरिया ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि— “पीपलोदी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में छत गिरने की सूचना मिलते ही मैं जयपुर से झालावाड़ के लिए रवाना हो गया हूं। यह बेहद दुखद है। स्कूल भवन पहले से ही जर्जर स्थिति में था, कर्मचारियों को इसकी सूचना सरकार तक समय रहते पहुंचानी चाहिए थी।”
जांच के आदेश, प्रशासन रख रहा स्थिति पर निगरानी
वहीं जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के बीच घटना के कारणों को लेकर जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और किसी भी तरह की लापरवाही को उजागर करने के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि यदि भवन की जर्जर स्थिति की सूचना पहले से थी, तो संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।
समाज में शोक की लहर, पूरे गांव में मातम पसरा
इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे पिपलोदी गांव में मातम का माहौल है। कई घरों में चीख-पुकार सुनाई दे रही है, परिजन बच्चों की सलामती की दुआ कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर सरकारी स्कूलों की आधारभूत संरचना पर सवाल खड़े कर रही है।
सरकार से उम्मीदें: पीड़ित परिवारों को राहत और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों और अभिभावकों की मांग है कि सरकार इस हादसे में मारे गए बच्चों के परिजनों को मुआवजा दे और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।