मल्लिकार्जुन खरगे ने उपसभापति को लिखा पत्र, राज्यसभा वेल में CISF जवानों के आने पर आपत्ति

मल्लिकार्जुन खरगे : वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उपसभापति हरिवंश को पत्र लिखा है। उन्होंने राज्यसभा के वेल में CISF जवानों के आने को गलत बताया और इसे चौंकाने वाला घटना कहा। खरगे ने उम्मीद जताई कि आगे से जब सदस्य जनहित के मुद्दे उठाएंगे, तो CISF जवान वेल में नहीं आएंगे।

राज्यसभा वेल में प्रवेश की संवेदनशीलता क्यों?

संसदीय नियमों के अनुसार, जब सदन की बैठक चल रही हो, तो सांसदों का वेल में जाना मना है। ऐसा करना सभा में गड़बड़ी माने जाने के साथ सभापति पर दबाव बनाने जैसा होता है। इसलिए सभापति सांसदों को इस बात के लिए चेतावनी देते हैं। अगर कोई सांसद सभापति के निर्देशों का पालन नहीं करता, तो उसे निलंबित भी किया जा सकता है।

राज्यसभा विपक्ष नेता के पत्र की मुख्य बातें

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उपसभापति डॉ. हरिवंश को पत्र लिखकर कहा कि वे इस बात से गहरा आश्चर्यचकित और निराश हैं कि CISF जवानों को सदन के वेल में आने की अनुमति दी जा रही है। खरगे ने कहा कि जब राज्यसभा के सदस्य अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हों, उस समय सुरक्षाकर्मियों का वेल में आना गलत है। उन्होंने इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भविष्य में जब सदस्य जनहित से जुड़े अहम मुद्दे उठाएंगे, तो CISF जवान सदन के वेल में नहीं आएंगे।

राज्यसभा के वेल का क्या महत्व है?

संसद की बैठक के दौरान सभापति के सामने राज्यसभा महासचिव बैठते हैं। इसके अलावा कई अन्य अधिकारी भी होते हैं जो बैठक चलाने में मदद करते हैं। सांसदों के बैठने की जगह और सभापति के बीच जो अर्धचंद्र या यू आकार का हिस्सा होता है, उसे वेल कहा जाता है। बिना अनुमति के वेल में आना नियमों के खिलाफ और अनुशासनहीन माना जाता है।

वेल में प्रवेश कर माननीयों ने टूटाई मर्यादा

सदन के वेल में आना गलत माना जाता है क्योंकि वहां राज्यसभा महासचिव और उनके सहयोगियों के महत्वपूर्ण दस्तावेज होते हैं। हाल के समय में कई सांसदों को वेल में आने की वजह से निलंबित भी किया गया है। कुछ सांसद हंगामा करते हुए इतने उग्र हो गए कि उन्होंने महासचिव की टेबल पर चढ़ने तक की हिम्मत की। ऐसे बुरे व्यवहार करने वाले सांसदों को पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था।