मल्लिकार्जुन खरगे का तंज, कांग्रेस छोड़कर भागे हिमंत सरमा अब असम के मुख्यमंत्री

मल्लिकार्जुन खरगे : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर तंज किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा को असम में सरकार बनाने के लिए एक सदस्य दिया था। खरगे ने पार्टी के कामगारों से बात करते हुए कहा कि जो व्यक्ति कांग्रेस छोड़ गया था, वह अब असम का मुख्यमंत्री है। हिमंत बिस्व सरमा 2015 में भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।

खरगे ने राज्य की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए

खरगे ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में फंसी है। उन्होंने बताया कि जो लोग अन्याय करते हैं, उन्हें जेल जाना पड़ेगा। खरगे ने कहा कि अब उन जेलों की मरम्मत करनी पड़ेगी क्योंकि अन्याय करने वाले वहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि असम में अवैध प्रवासियों को खोजने का बहाना बनाकर लोगों को डराया जा रहा है। खरगे ने कहा कि अगले साल के चुनाव में भाजपा की सरकार को जनता सबक सिखाएगी।

बेदखली प्रभावितों के लिए कांग्रेस की पुनर्निर्माण और मुआवजे की घोषणा: खरगे

खरगे ने कहा कि अगर कांग्रेस असम में सरकार बनाती है तो वह बेदखली से प्रभावित लोगों के मकान बनाएगी और मुआवजा देगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार मतदाता सूची बदलने और निर्वाचन क्षेत्रों को नया रूप देने जैसी चालें चल सकती है ताकि कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया जाए। इसलिए खरगे ने पार्टी के सदस्यों से कहा कि वे सतर्क रहें और भाजपा की इन कोशिशों को रोकें।

खरगे का वादा: कांग्रेस सत्ता में आई तो असम में बच्चों की शिक्षा सुधरेगी

खरगे ने कहा कि अगर कांग्रेस असम में सत्ता में आई, तो बच्चों की अच्छी शिक्षा, युवाओं के लिए रोजगार और चाय बागान के मजदूरों को ज्यादा मजदूरी देगी। उन्होंने कहा कि दलित, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों को सतर्क रहना चाहिए। वरना केंद्र की भाजपा सरकार उनका आरक्षण छीन सकती है। इसलिए उन्होंने सबको सावधान रहने की सलाह दी।

खरगे ने पीएम मोदी पर कसा तंज

खरगे ने पीएम मोदी पर हमला किया और कहा कि मोदी ने पांच दिन में पांच देशों का दौरा किया, लेकिन हिंसाग्रस्त मणिपुर आने के लिए दो घंटे भी नहीं निकाले। उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए लोगों को मिलकर काम करना होगा। खरगे ने कहा कि संविधान हमारे लोकतंत्र की नींव है, लेकिन आरएसएस और भाजपा इसे बदलने की कोशिश कर रहे हैं।