ओबीसी की राजनीति गरमाई, ममता बनर्जी ने बदला बहस का रुख

ममता बनर्जी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को ओबीसी दर्जा तय करने को लेकर अहम बयान दिया। उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन ही ओबीसी श्रेणी में शामिल होने का मुख्य आधार है, न कि धर्म। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का आधार धर्म नहीं, बल्कि उसका सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन है।

50 नए उपवर्गों का मूल्यांकन कर रहा है आयोग

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ओबीसी दर्जा तय करने का आधार केवल पिछड़ापन होगा, न कि धर्म। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए एक आयोग बनाया है। यह आयोग ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए 50 नए उपवर्गों का सर्वे कर रहा है, ताकि सही और जरूरतमंद वर्गों को लाभ मिल सके।

ज्यादा पिछड़े वर्गों को ओबीसी-ए में और अपेक्षाकृत कम पिछड़े वर्गों को ओबीसी-बी में रखा गया है

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में ओबीसी-ए श्रेणी में 49 उपवर्ग और ओबीसी-बी श्रेणी में 91 उपवर्ग शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो वर्ग ज्यादा पिछड़े हैं, उन्हें ओबीसी-ए में रखा गया है, जबकि जो अपेक्षाकृत कम पिछड़े हैं, उन्हें ओबीसी-बी में शामिल किया गया है। यह वर्गीकरण सामाजिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर किया गया है।