Manisha Koirala को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान! ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दी डॉक्टरेट की उपाधि

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री Manisha Koirala ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। उन्हें यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय ने मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है। यह सम्मान उनके सिनेमा, सामाजिक कार्य और प्रेरणादायक जीवन यात्रा के लिए प्रदान किया गया। मनीषा ने इस उपलब्धि को अपने प्रशंसकों के साथ साझा करते हुए इसे अपनी जिंदगी का एक विशेष पल बताया।

Manisha Koirala: एक प्रेरणादायक यात्रा

मनीषा कोइराला, जो नेपाल के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं, ने 1991 में फिल्म ‘सौदागर’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। ‘दिल से’, ‘बॉम्बे’, और ‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ जैसी फिल्मों में उनके शानदार अभिनय ने उन्हें दर्शकों और समीक्षकों का प्रिय बनाया। हालांकि, उनकी जिंदगी केवल सिनेमा तक सीमित नहीं रही। 2012 में ओवेरियन कैंसर से जूझने के बाद, उन्होंने न केवल इस गंभीर बीमारी को हराया, बल्कि अपनी कहानी के जरिए लाखों लोगों को प्रेरित भी किया।

मनीषा ने अपनी इस उपलब्धि के बारे में इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “आज मुझे ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली। यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। यह इस बात का सबूत है कि आप जहां से शुरू करते हैं, वह मायने नहीं रखता, बल्कि आपकी यात्रा और मेहनत महत्वपूर्ण है।”

Manisha Koirala: सामाजिक कार्यों में योगदान

मनीषा ने कैंसर जागरूकता और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर सक्रियता से काम किया है। अपनी बीमारी से उबरने के बाद, उन्होंने कई संगठनों के साथ मिलकर कैंसर रोगियों के लिए जागरूकता अभियान चलाए और उनकी मदद की। इसके अलावा, उन्होंने अपनी दादी सुषिला कोइराला की विरासत को आगे बढ़ाते हुए नेपाली कला, संस्कृति और सामाजिक आंदोलनों को बढ़ावा देने में भी योगदान दिया। उनकी दादी ने नेपाली रंगमंच और कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसका प्रभाव मनीषा पर गहरा रहा है।

ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय का सम्मान

ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय ने मनीषा को उनकी सिनेमाई उपलब्धियों, सामाजिक कार्यों और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के लिए इस मानद उपाधि से नवाजा। विश्वविद्यालय ने अपने बयान में कहा, “मनीषा कोइराला ने अपने काम और जीवन के जरिए यह दिखाया है कि दृढ़ता और समर्पण के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। वह हमारे छात्रों के लिए एक प्रेरणा हैं।”