Manmohan Singh Funeral: अंतिम यात्रा पर निकले मनमोहन सिंह, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार थोड़ी देर में, मेमोरियल पर राजनीति शुरू

Manmohan Singh Funeral: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इससे पहले, उनका पार्थिव शरीर उनके निवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया है, जहां अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। देशभर से कांग्रेस कार्यकर्ता, नेता, और आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे हैं। डॉ. मनमोहन सिंह की सादगी, विद्वत्ता, और उनके योगदान को याद करते हुए कई प्रमुख नेताओं और आम नागरिकों ने उनके प्रति गहरा सम्मान प्रकट किया है। उनके निधन से देश ने एक महान अर्थशास्त्री और दूरदर्शी नेता को खो दिया है।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस मुख्यालय में रखा गया है। यहां सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। भावनाओं से भरे माहौल में लोग उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट कर रहे हैं।

यहां से अंतिम यात्रा निगम बोध घाट तक जाएगी, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम यात्रा के कारण दिल्ली में कुछ प्रमुख सड़कों पर यातायात प्रतिबंधित रहेगा। रिंग रोड (महात्मा गांधी मार्ग), निशाद राज मार्ग, बुलेवार्ड रोड, एसपीएम मार्ग, लोथियन रोड और नेताजी सुभाष मार्ग पर सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक आवागमन बाधित रहेगा। नागरिकों को इन मार्गों से बचने और वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर सियासत गर्मा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डॉ. सिंह के लिए स्मारक बनाने का निर्णय पहले ही ले लिया था और इसकी जानकारी कांग्रेस नेतृत्व और उनके परिजनों को दी गई थी। इस विवाद के बीच, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे विषयों पर राजनीति से बचना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने का काम सम्मानजनक तरीके से हो। यह घटनाक्रम डॉ. मनमोहन सिंह जैसे प्रतिष्ठित नेता के प्रति सम्मान व्यक्त करने के बजाय राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है, जिससे जनता में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।