Mann Ki Baat : शिप्रा में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सुना मन की बात, PM मोदी ने गिनाईं देश की उपलब्धियां

Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात के 129वें संस्करण का श्रवण रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर जिले के शिप्रा में किया। शासकीय स्वास्थ्य केंद्र शिप्रा में आयोजित इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, वरिष्ठ विधायक हेमंत खंडेलवाल, सांसद शंकर लालवानी, हितानंद शर्मा, रायसिंह सेंधव, श्रवण चावड़ा, सुमित मिश्र सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, कलेक्टर शिवम वर्मा और मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश की उपलब्धियों का किया उल्लेख

मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला की सफल वापसी, भारत द्वारा किए गए ‘सिंदूर ऑपरेशन’, पुरुष और महिला क्रिकेट टीम की खिताबी जीत तथा दिव्यांग महिला क्रिकेट टीम के चैंपियन बनने को देश के लिए गर्व के क्षण बताया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 26 जनवरी 2026 को भारत अपना 77वां गणतंत्र दिवस मनाएगा और देश अपनी विरासत और मूल्यों को कभी नहीं भूलता।

एंटीबायोटिक दवाओं को लेकर प्रधानमंत्री की चेतावनी

प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से अपील की कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें। उन्होंने कहा कि दवाओं का गलत और अनावश्यक उपयोग स्वास्थ्य के लिए गंभीर नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक लेना सेहत के लिए जोखिम भरा है।

मराठी स्कूल के शताब्दी समारोह को किया संबोधित

मन की बात कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उसी स्थल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जबलपुर में मराठी स्कूल की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र का रिश्ता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की साझा सांस्कृतिक विरासत

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के समय मुगलों के खिलाफ शुरू हुए संघर्ष से लेकर बाजीराव पेशवा, शिंदे, गायकवाड़ और होलकर शासन तक मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के संबंध लगातार मजबूत रहे हैं। यह परंपरा आज भी जीवंत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1926 में महाराष्ट्र के समाजसेवियों ने नई पीढ़ी के निर्माण के लिए महाराष्ट्र शिक्षण मंडल संस्था की स्थापना की थी, जो अब अपना शताब्दी वर्ष मना रही है। इस संस्था ने सामाजिक और बौद्धिक क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं और आज भी नवाचार के साथ आगे बढ़ रही है।

महापुरुषों को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वे महाकाल की नगरी में बैठकर विठ्ठल का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा और कुशाभाऊ ठाकरे के चित्रों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की नई पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नवाचार कर रहा है, जहां विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ उनके चरित्र निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में सांदीपनी विद्यालय शुरू किए गए हैं और पीएम राइज विद्यालयों का संचालन भी किया जा रहा है, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 से अधिक विश्वविद्यालय कार्यरत हैं। गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए खरगोन में टंट्या भील विश्वविद्यालय, ग्वालियर में तात्या टोपे विश्वविद्यालय और रानी अवंतिबाई विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।