Marburg Virus : मारबर्ग वायरस, जिसे “ब्लीडिंग आई वायरस” भी कहा जाता है, का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह वायरस अफ्रीका के कुछ देशों में, जैसे कि रवांडा, के अलावा कई अन्य इलाकों में फैलने की संभावना पैदा कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस से जुड़ी नई जानकारी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि इस वायरस से ठीक होने के बाद भी यह शरीर के कई हिस्सों में महीनों या सालों तक रह सकता है, खासकर प्रजनन अंगों और आंखों में। ऐसे में, वायरस से उबर चुके लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
वायरस के शरीर में बने रहने का खतरा
WHO के अनुसार, मारबर्ग वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर में काफी समय तक रह सकता है, यहां तक कि इलाज के बाद भी। विशेष रूप से, यह वायरस पुरुषों के अंडकोष और आंखों में कई सालों तक जीवित रह सकता है। अध्ययन यह भी दिखाते हैं कि जैसे ही कोई व्यक्ति इस वायरस से ठीक होता है, वह शरीर के अन्य हिस्सों में जैसे गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा, एमनियोटिक द्रव, और स्तनपान करने वाले शिशुओं में भी फैल सकता है।
WHO ने यह भी कहा कि वायरस से ठीक होने के सात सप्ताह बाद भी यह वीर्य के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसका मतलब है कि यौन संबंधों के दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि वायरस यौन संपर्क से भी फैल सकता है, भले ही मरीज का खून मारबर्ग वायरस के लिए नेगेटिव हो।
रिकवरी के दौरान और बाद में सावधानियाँ
WHO ने वायरस से ठीक हो चुके मरीजों को अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखने की सलाह दी है। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि ठीक होने के बाद भी मरीजों को शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना हो सकता है। इसलिए, चिकित्सा पेशेवरों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ठीक हो चुके मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों को वायरस के संभावित खतरों के बारे में पूरी जानकारी दी जाए।
WHO ने कुछ विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनका पालन करना जरूरी है…
- यौन रूप से सक्रिय पुरुषों को सावधानी बरतनी चाहिए – मारबर्ग वायरस से संक्रमित होने के बाद, ऐसे व्यक्तियों को सुरक्षित यौन संबंध बनाने चाहिए और कंडोम का उपयोग करना चाहिए।
- स्वास्थ्य का ध्यान रखें – वायरस से ठीक हो चुके लोग अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और कोई भी समस्या महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
- चिकित्सकों की जिम्मेदारी – डॉक्टरों को ठीक हो चुके मरीजों और उनके परिवारों को वायरस के संभावित खतरे और सुरक्षा उपायों के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए।
- सुरक्षित यौन संबंध बनाएँ – वायरस के पुनः फैलाव को रोकने के लिए, यौन संबंध बनाते समय कंडोम का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।