इंदौर में होगी मार्कड्रिल…..हवाई हमले के सायरन गुजेंगे,अंधेरे में डूबेगा शहर

7 मई 2025 को इंदौर सहित भोपाल, ग्वालियर,जबलपुर कटनी का नक्शा कुछ पलों के लिए बदलने वाला है। देश के 244 जिलों में एक साथ हवाई हमले के सायरन गुजेंगे,  शहरों में बिजली गुल हो जाएगी, लोग तेजी से शरण स्थलों की ओर भागते नजर आएंगे और सड़कें आपातकालीन वाहनों की आवाज़ से गूंजेंगी। ये सब इंदौर में होने वाला है लेकिन इन परिस्थितियों में किसी भी नागरिको को घबराने की आवश्यकता नही है क्योकि हवाई हमले जैसी स्थिति सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के तहत बनेगी और युद्ध जैसे हालातों से आम जनता को अवगत कराया जाएगा।

राज्यों से मांग गई है रिपोर्ट
गृह मंत्रालय ने इस अभ्यास को अनिवार्य किया है और राज्यों से रिपोर्ट भी तलब की है। इसका सीधा संबंध हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जोड़ा जा रहा है, जिसमें 26 निर्दोष सैलानियों की जान गई थी। भारत सरकार अब यह तय कर चुकी है कि देश की सुरक्षा सिर्फ बॉर्डर पर नहीं, हर गली-हर मोहल्ले में तैयार रहकर भी करना पड़ेगी।

ऐसे होगा वॉर रिहर्सल
इंदौर शहर सहिता देश के कुल 244 शहरों में अचानक से सायरन बजेंगे और मिसाइल या हवाई हमले की चेतावनी का अभ्यास कराया जाएगा। शहर में अचानक से ब्लैक आऊट होगा जिससे पूरा शहर अंधेरे मे डूंब जाएंगा। शहरों की लाइट बंद कर दुश्मन की निगाहों से बचाव किया जाएगा।

कौन-कौन ले रहा है हिस्सा?
सिविल डिफेंस वार्डन और होम गार्ड्स सहित य NCC, NSS, और NYKS के कैडेट्स और स्कूल और कॉलेज के छात्र स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें शामिल रहेगी।

क्यों जरूरी है ये मॉक ड्रिल?
शीत युद्ध के दौर में अमेरिका और रूस जैसे देशों में इस तरह के अभ्यास आम थे। भारत में यह परंपरा 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद लगभग थम गई थी। लेकिन आज के दौर में जब वैश्विक तनाव फिर से बढ़ रहा है, साइबर हमलों से लेकर मिसाइल स्ट्राइक्स तक की आशंका बन रही है, तो ये रिहर्सल केवल सतर्कता नहीं, एक जरूरी तैयारी बन गई है। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को ड्रिल के बाद एक Action Taken Report गृह मंत्रालय को सौंपनी होगी—जिसमें बताया जाएगा कि कहां क्या अच्छा हुआ, क्या दिक्कत आई और आगे क्या सुधार किए जा सकते हैं।