वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भावना से चिरकाल तक प्रेरणा देते रहेंगे शहीद पुलिस जवान : मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव

21 अक्टूबर 2025 को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वीरगति को प्राप्त जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह दिन हर वर्दीधारी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने 1959 की लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स की उस ठंडी सुबह को याद किया, जब देश की रक्षा करते हुए 10 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। यही वह घटना थी, जिसने भारत में पुलिस स्मृति दिवस की परंपरा की नींव रखी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह दिन हमारे लिए केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि त्याग और कर्तव्य के पर्व जैसा है। जो अपने कर्तव्य पथ पर प्राणों का बलिदान देता है, वह अमर होता है।” उन्होंने बाबा महाकाल से प्रदेश की समृद्धि और सुरक्षा की कामना की और पुलिसकर्मियों से पूर्ण समर्पण और निष्ठा से ड्यूटी निभाने का आह्वान किया।

प्रदेश पुलिस के साहस और सतर्कता से अपराधियों के हौसले पस्त

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को ‘शांति का टापू’ कहा जाता है और इसका श्रेय पुलिस की सतर्कता, अनुशासन और समर्पण को जाता है। उन्होंने बताया कि नक्सलवाद, माफिया, साइबर अपराध और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रदेश पुलिस की सक्रिय भूमिका सराहनीय रही है।

उन्होंने जीरो टॉलरेंस की नीति का उल्लेख करते हुए बताया कि बीते वर्ष 10 इनामी नक्सलवादियों का खात्मा, जयपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों की गिरफ्तारी और आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई, प्रदेश पुलिस की दक्षता और पराक्रम के उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि 2026 तक देश से नक्सलवाद के समूल नाश का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

सामाजिक अभियानों से जुड़ी पुलिस: जनता के और करीब

पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक अभियानों जैसे ‘सृजन’, ‘सेफ क्लिक – सुरक्षित जीवन’ और ‘नशे से दूरी है जरूरी’ के प्रभाव की मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सराहना की।

बालाघाट जिले में एकल सुविधा केंद्र की शुरुआत से लेकर झुग्गी बस्तियों में किशोर-किशोरियों को जागरूक करने तक, पुलिस की भूमिका अब केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं रही, बल्कि समाज निर्माण की दिशा में भी अग्रसर है।

‘सृजन’ कार्यक्रम के अंतर्गत बाल संरक्षण, आत्मरक्षा, यौन हिंसा की रोकथाम और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर पुलिस कर्मियों द्वारा प्रशिक्षण देना, एक नई सोच को दर्शाता है।

साइबर अपराध के खिलाफ तेज़ एक्शन, तकनीक से लैस पुलिस

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल युग में साइबर क्राइम एक गंभीर चुनौती बन चुका है, लेकिन प्रदेश की साइबर सेल, फॉरेंसिक और डेटा एनालिटिक्स टीमों ने GPS तकनीक के साथ त्वरित कार्रवाई की मिसाल पेश की है।

‘सेफ क्लिक’ अभियान ने आम नागरिकों में जागरूकता बढ़ाई है, वहीं CCTNS सिस्टम के जरिए राज्य के सभी थाने डिजिटल रूप से जोड़ दिए गए हैं। इससे पुलिस, न्यायालय, अभियोजन और फॉरेंसिक विभागों के बीच समन्वय और पारदर्शिता आई है।

पुलिस के कल्याण और आधुनिकीकरण को मिली प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने पुलिस के कल्याण और आधुनिकीकरण को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि 5700 करोड़ की लागत से 25 हजार से अधिक मकान पुलिसकर्मियों के लिए बनाए जा रहे हैं।

रिक्त पदों की पूर्ति हेतु हर वर्ष 7500 पदों की भर्ती की जाएगी, जिससे आगामी तीन वर्षों में 21 हजार पदों पर नियुक्तियां पूरी होंगी। मिशन कर्मयोगी के तहत कौशल विकास और डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

वीरता की मिसाल: इंदौर के पुलिसकर्मी की संवेदनशीलता

मुख्यमंत्री ने इंदौर में घटित एक घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि वहां एक पुलिस जवान ने विधायक मधु वर्मा को सीपीआर देकर उनकी जान बचाई। उन्होंने इस त्वरित और मानवीय एक्शन को पूरे पुलिस बल के लिए प्रेरणादायक बताया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि कोई जवान शहीद होता है तो सरकार उसके परिवार के साथ खड़ी होती है। इस परंपरा को निभाते हुए शहीदों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो केवल राशि नहीं बल्कि मनोबल का प्रतीक है।

पुलिस स्मृति दिवस: श्रद्धांजलि, सम्मान और संकल्प

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुलिस स्मृति दिवस श्रद्धा, स्मरण और संकल्प का दिन है। यह हमारे उन वीर साथियों की स्मृति को समर्पित है जिन्होंने कर्तव्यपथ पर अपने प्राण न्यौछावर किए।

उन्होंने जानकारी दी कि 1959 से अब तक मध्यप्रदेश के 1,009 जवान शहीद हो चुके हैं। इस वर्ष भी 11 वीर जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया:

  • संजय पाठक
  • रमेश कुमार धुर्वे
  • रामचरण गौतम
  • महेश कुमार कोरी
  • संतोष कुशवाह
  • प्रिंस गर्ग
  • अभिषेक शिंदे
  • गोविंद पटेल
  • अनुज सिंह
  • सुंदर सिंह बघेल
  • अनिल यादव

डीजीपी ने सभी शहीदों के परिजनों को यह भरोसा दिलाया कि वे पुलिस परिवार का हिस्सा हैं और हमेशा रहेंगे।

सम्मान और श्रद्धांजलि की भव्य परेड

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पाल-बेयरर पार्टी द्वारा सम्मान सूची को स्मारक कोष में स्थापित किया गया।

परेड का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी एसडीओपी सर्वप्रिय सिन्हा ने किया, जबकि टू-आई-सी के रूप में डीएसपी हेमंत पांडेय उपस्थित थे। परेड में महिला और पुरुष प्लाटून, होमगार्ड, अश्वरोही दल, श्वान दल, बैंड प्लाटून सहित कई टुकड़ियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने पाल-बेयरर पार्टी, परेड कमांडरों और शहीदों के परिजनों से भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर भोपाल की महापौर मालती राय, अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा सहित कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे।