मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के शिप्रा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव एवं 251 जोड़ों के नि:शुल्क सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह के आयोजन समाज के लिए प्रेरणादायी होते हैं और सामाजिक समरसता के सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। ऐसे कार्यक्रम सादगी, सहयोग और समानता का संदेश देते हैं, जबकि दिखावटी विवाह आयोजनों से समाज पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ता है।
फिजूलखर्ची से बचकर शिक्षा और भविष्य निर्माण पर जोर
मुख्यमंत्री ने समाज से अपील की कि अनावश्यक खर्चों से बचें और बच्चों की शिक्षा, संस्कार तथा भविष्य निर्माण पर ध्यान दें। उन्होंने लोगों से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने का भी आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिक विवाह सामाजिक समानता को बढ़ावा देते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी सम्मानजनक अवसर प्रदान करते हैं।
संत उत्तम स्वामी के सानिध्य में आध्यात्मिक वातावरण
यह आयोजन प्रसिद्ध संत महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी के सानिध्य में संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संत उत्तम स्वामी से आशीर्वाद प्राप्त कर आध्यात्मिक वातावरण में कुछ समय व्यतीत किया। उन्होंने नवविवाहित दंपतियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके सुखद, समृद्ध और उज्ज्वल दांपत्य जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा और एकता का संदेश देते हैं।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में विधायक हेमंत खंडेलवाल, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, हितानंद शर्मा, सुमित मिश्रा, श्रवण सिंह चावड़ा, देवजी भाई रावत, जितेंद्र सिंह पवार, तपन भौमिक, दिलीप अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इसके साथ ही संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, कलेक्टर शिवम वर्मा, एसपी ग्रामीण यांगचेन डोलकर भूटिया और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन सहित कई अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
आयोजकों के योगदान की सराहना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आयोजन से जुड़े दिलीप अग्रवाल और सभी आयोजकों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि अब तक 750 से अधिक जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न कराना समाज के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने भागवत कथा के आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जन्म तो सभी को मिलता है, लेकिन संतों के मुख से कथा श्रवण कर जीवन सार्थक होता है। भागवत कथा का मूल संदेश धर्म, कर्तव्य और सदाचार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
पाणिग्रहण संस्कार और सामाजिक निरंतरता का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 संस्कारों में पाणिग्रहण संस्कार परिवार और समाज की निरंतरता का प्रतीक है। वंश वृद्धि के माध्यम से जीवन मूल्यों और संस्कारों का संदेश पीढ़ियों तक आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि 251 जोड़ों का एक साथ वैवाहिक जीवन में प्रवेश करना सौभाग्य का विषय है और यह सामाजिक एकता को मजबूत करता है।
सामाजिक समरसता से राष्ट्र निर्माण का मार्ग
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सामाजिक समरसता ही राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। जब समाज के सभी वर्ग एक मंच पर एक साथ खुशियां साझा करते हैं, तभी वास्तविक एकता साकार होती है। उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए माता-पिता की सेवा, समाज हित में कार्य करने और सुख-समृद्धि व यश-कीर्ति से भरा जीवन जीने का संदेश दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुष्प वर्षा कर नवदम्पतियों का स्वागत किया और संत उत्तम स्वामी का पुष्पमाला व श्रीफल से सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी का प्रेरणादायी संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी ने कहा कि कन्यादान सर्वोच्च पुण्य कर्म है, जिससे मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने शास्त्रों में वर्णित विभिन्न दानों—गोदान, भूमिदान, स्वर्णदान, अन्नदान, वस्त्रदान और ज्ञानदान—का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सभी में कन्यादान का स्थान सर्वोपरि है।
उन्होंने सामूहिक विवाह को समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजन वंचित और पीड़ित वर्गों को सम्मान दिलाते हैं और सामाजिक उत्थान का मार्ग खोलते हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, जनप्रतिनिधि और आयोजक उपस्थित रहे, जिससे पूरे परिसर में उत्सव और उल्लास का वातावरण बना रहा।