स्वतंत्र समय, मथुरा
उत्तरप्रदेश में होली के दूसरे दिन भी होली खेली गई। मथुरा में जहां कोड़ा मार होली ( Holi ) हुई, वहीं प्रयागराज में कपड़ा फाड़ होली ने धमाल मचाया। मथुरा के बलदेव गांव में घूंघट में महिलाएं पहले बलदेव के सखा के कपड़े फाड़ती हैं। फिर उसी कपड़े का कोड़ा बनाकर उनको मारती हैं। इस अनोखी होली को देखने के लिए एक लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे। कोड़ा मार होली बलदेव मंदिर परिसर में ही होती है। लखनऊ मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 45 किमी है। इसमें गांव के पुरोहित परिवार के लोग शामिल होते हैं।
जगह-जगह खेली जाती है यह Holi
मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने एक महीने तक जगह-जगह होली ( Holi ) खेली थी। इस दौरान मां यशोदा ने बड़े भाई बलदेव को उनकी देखरेख के लिए साथ भेजा था। लगातार होली देखने के बाद बलदेव का भी मन होली खेलने के लिए होता है। वह भी खोली खेलते हैं। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। यह जेठ और बहू के बीच की होली होती है। उधर, प्रयागराज में लोकनाथ चौक पर कपड़ा फाड़ होली खेली गई। यहां हजारों युवाओं ने डीजे पर डांस किया। इस दौरान उन पर पानी और रंग डाला गया।