Mathura Janmashtami: भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पावन पर्व को गोकुलाष्टमी या कृष्णाष्टमी भी कहा जाता है। इस वर्ष यह पर्व 16 अगस्त को पड़ रहा है। जन्माष्टमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मथुरा पहुंचकर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर विशेष पूजा-अर्चना करेंगे और भक्तों के साथ इस उत्सव में शामिल होंगे। मथुरा और वृंदावन में भक्ति और उत्साह का ऐसा माहौल बना हुआ है कि दूर-दराज़ से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं।
मथुरा-वृंदावन में चौराहों पर भव्य सजावट
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा और उनकी लीलाओं की भूमि वृंदावन इस मौके पर दुल्हन की तरह सजी हुई है। यहां के चौक-चौराहों, मंदिरों और गलियों को रंग-बिरंगी रोशनियों, फूलों और झांकियों से सजाया गया है। हर जगह सजावट इतनी मनमोहक है कि भक्त लगातार तस्वीरें और सेल्फियां खींच रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो पूरा शहर एक भव्य उत्सव स्थल बन गया हो।
यूपी के अन्य शहरों में भी तैयारियां
केवल मथुरा-वृंदावन ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम है। अयोध्या, काशी, प्रयागराज, गाजियाबाद और नोएडा जैसे बड़े शहरों के प्रमुख मंदिरों में शानदार झांकियां, भजन-कीर्तन और विशेष पूजा का आयोजन किया गया है। हजारों भक्त पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ अपने-अपने नगरों में इस महापर्व को मना रहे हैं।
विदेशों में भी जन्माष्टमी का उल्लास
जन्माष्टमी का रंग सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विदेशों में भी इस उत्सव की धूम मची हुई है। खासतौर पर फिजी जैसे देशों में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और पूर्वी यूपी के अन्य जिलों से गए लोग बड़े उत्साह के साथ श्रीकृष्ण का जन्मदिन मना रहे हैं। मंदिरों में भजन-कीर्तन हो रहे हैं और वहां भी श्रीकृष्ण की भक्ति से वातावरण गूंज रहा है।
मथुरा में महिलाओं की शोभायात्रा
मथुरा की गलियों और मंदिरों में महिलाओं ने ठाकुर जी की भव्य शोभायात्रा निकाली। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी हुईं और हाथों में श्रीकृष्ण के प्रतीक स्वरूप पूजा की थालियां लेकर निकलीं। इस शोभायात्रा ने पूरे शहर में धार्मिक माहौल और भी प्रबल कर दिया।
राधा रूप में कृष्ण भक्ति में लीन राजकुमार
जन्माष्टमी के अवसर पर भक्ति का एक अनूठा दृश्य बरेली में भी देखने को मिला। यहां के राजकुमार नामक युवक पिछले 20 वर्षों से जन्माष्टमी पर राधा का रूप धारण कर कान्हा की भक्ति में लीन हो जाते हैं। हाथों में खनकती चूड़ियां, पैरों में पायल, माथे पर बिंदिया और पूरे श्रृंगार में सजे राजकुमार जब नृत्य करते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे राधा स्वयं कान्हा के प्रेम में मग्न हो। राजकुमार ने अपना पूरा जीवन श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया है। बताया जाता है कि बरसाने में राधा के भेष में भक्तों को नृत्य करते देखकर वे इतने प्रभावित हुए कि तभी से हर जन्माष्टमी पर राधा बनकर भक्ति करना उनकी जीवन-शैली बन गई।