इंदौर में पार्षद कमलेश कालरा के परिवार पर हुए हमले और उसके बाद पैदा हुए विवाद ने गंभीर राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मामले में कड़ा कदम उठाते हुए पार्षद जीतू यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
इसके साथ ही, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी सख्त कार्रवाई करते हुए जीतू यादव को एमआईसी (महापौर परिषद) से हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। महापौर ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे लोग जो अनुशासनहीनता या आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं, वे किसी भी महत्वपूर्ण पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।
इस फैसले ने यह संदेश दिया है कि भाजपा और प्रशासन, अनुशासनहीनता और आपराधिक कृत्यों के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाए हुए हैं। यह कदम पार्टी और प्रशासन की सख्ती को दर्शाता है और साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि इस तरह की घटनाओं से समाज और पार्टी की छवि पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पार्षद कमलेश कालरा के परिवार पर हुए हमले की घटना को गंभीरता से लेते हुए कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “यह घटना निंदनीय है और भाजपा ने इस पर तुरंत कड़ा कदम उठाते हुए जीतू यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
महापौर ने आगे कहा, “अब प्रशासनिक स्तर पर भी कार्रवाई की जा रही है। जीतू यादव को एमआईसी (महापौर परिषद) से हटाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे लोग, जो अनुशासनहीनता और आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाए जाते हैं, किसी भी महत्वपूर्ण पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।”
पुष्यमित्र भार्गव के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और प्रशासन अनुशासन और नैतिक मूल्यों से कोई समझौता नहीं करेंगे। यह कदम समाज और पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का एक स्पष्ट संदेश देता है।