मैदान में उतरे महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निरीक्षण में मिली लापरवाही पर ताबड़तोड़ एक्शन

इंदौर में लंबे समय से अधूरे पड़े सड़क रेस्टोरेशन कार्यों को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गए हैं। शहर की सड़कों की जर्जर स्थिति और सुस्त प्रशासनिक रवैये पर नाराज़गी जताते हुए उन्होंने मंगलवार को वार्ड क्रमांक 12 का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ स्थानीय पार्षद सीमा डाबी भी मौजूद थीं।

निरीक्षण में पाया गया कि तीन महीने पहले स्टॉर्म वॉटर लाइन डालने के बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं की गई। इस लापरवाही पर महापौर ने जोनल अधिकारी और ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाते हुए साफ चेतावनी दी — “सात दिन में सड़क का काम पूरा करो, नहीं तो सख्त कार्रवाई होगी।”

ठेकेदार और इंजीनियर को मिली कड़ी चेतावनी

निरीक्षण के दौरान महापौर ने मौके पर ही ठेकेदार को फोन लगाकर स्पीकर पर बातचीत की और पूछा कि काम अधूरा क्यों छोड़ा गया। ठेकेदार द्वारा जिम्मेदारी इंजीनियर पर डालने की कोशिश पर महापौर भड़क उठे और संबंधित इंजीनियर को भी फटकार लगाई। उन्होंने सख्त लहजे में कहा — “काम की जिम्मेदारी से कोई मुंह नहीं मोड़ सकता। अगर आप जैसे अधिकारी काम नहीं करेंगे, तो फिर करेगा कौन?”

इस दौरान महापौर ने प्रशासनिक टीम को निर्देश दिए कि लापरवाही करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया जाए और समयसीमा में काम पूरा न होने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

सात दिन की समयसीमा, नहीं तो होगी कार्रवाई

महापौर भार्गव ने जोनल अधिकारी को सात दिन के भीतर सड़क रेस्टोरेशन कार्य पूरा करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि निर्धारित समयसीमा में काम पूरा नहीं हुआ, तो सीधी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शहर में विकास कार्यों की रफ्तार बनाए रखने के लिए जवाबदेही तय होना बेहद जरूरी है।

जनता ने महापौर के सख्त रुख का किया स्वागत

शहरवासियों ने महापौर के इस सख्त और सक्रिय रवैये की खुलकर तारीफ की है। लोगों का कहना है कि इस तरह मैदानी स्तर पर निरीक्षण और तत्काल फीडबैक लेने की शैली से शहर में कार्यसंस्कृति में सुधार आएगा। नागरिकों का मानना है कि महापौर के इस कदम से न केवल अधूरे कार्यों की गति बढ़ेगी, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों में जवाबदेही की भावना भी मजबूत होगी।

लगातार निरीक्षण से बढ़ी जवाबदेही

गौरतलब है कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव बीते कुछ दिनों से विभिन्न वार्डों में औचक निरीक्षण कर रहे हैं। जहां भी लापरवाही दिखाई दे रही है, वहां वे मौके पर ही सख्त निर्देश जारी कर रहे हैं। उनका यह रुख शहर की प्रशासनिक प्रणाली में अनुशासन लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।