दिलजीत दोसांझ के शो को लेकर इंदौर शहर में गहमागहमी और विरोध के बीच तैयारियां तेजी से जारी हैं। शो के आयोजन को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सख्त रुख अपनाते हुए नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि मनोरंजन कर की वसूली में कोई लापरवाही न हो। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजन के लिए जरूरी सभी अनुमति प्रदान की जाए, लेकिन नियमों का सख्ती से पालन हो। इस शो के प्रति बढ़ते विरोध के बावजूद कार्यक्रम के आयोजक तैयारियों में जुटे हुए हैं। महापौर का यह बयान आयोजन के विरोध और कानून व्यवस्था को संतुलित करने की दिशा में एक स्पष्ट संदेश माना जा रहा है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने स्पष्ट किया है कि मनोरंजन कर वसूलना नगर निगम का दायित्व है और इसे पूरी सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में होने वाले हर आयोजन के लिए अनुमति के साथ-साथ संबंधित टैक्स का भुगतान करना आयोजकों की जिम्मेदारी है। दिलजीत दोसांझ के शो को लेकर उन्होंने निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस आयोजन का मनोरंजन कर पूरी तरह वसूला जाए और इसमें कोई लापरवाही न बरती जाए। महापौर ने यह भी सुनिश्चित किया है कि टैक्स प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के अनुसार हो, ताकि नगर निगम के राजस्व में वृद्धि हो सके।
दिलजीत दोसांझ के 8 दिसंबर को होने वाले कॉन्सर्ट को लेकर जीएसटी विभाग भी सक्रिय हो गया है। विभाग ने आयोजकों को पत्र लिखकर टिकट बिक्री, उनकी कीमत और टैक्स के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। मध्य प्रदेश जीएसटी विभाग के एंटी इवेज़न ब्यूरो ने यह पत्र भेजा है, जिसमें यह पूछा गया है कि कॉन्सर्ट में कुल कितने टिकट बिक रहे हैं, उनकी विभिन्न कैटेगरी क्या हैं, और उन पर कितना टैक्स जमा होना है।
कॉन्सर्ट के टिकट दो प्रमुख कंपनियां—सारेगामा इंडिया और रिपल इफेक्ट एंटरटेनमेंट—बेच रही हैं। सारेगामा इंडिया ने पिछले महीने ही एक कैजुअल जीएसटी नंबर लिया था और लगभग 1.25 करोड़ रुपये का जीएसटी जमा कर दिया है। दूसरी ओर, रिपल इफेक्ट एंटरटेनमेंट ने भी कार्यक्रम स्थल के लिए अस्थायी जीएसटी नंबर लिया है।
जीएसटी विभाग ने जानकारी शनिवार या रविवार तक मांगी है। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रदेश को इस कॉन्सर्ट से कितना राजस्व मिलेगा। दिलजीत दोसांझ का यह कार्यक्रम इंदौर के C-21 एस्टेट ग्राउंड में आयोजित किया जा रहा है, और इसके टिकट विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।