स्वतंत्र समय, भोपाल
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स ( Doctors ) के न मिलने से होने वाली परेशानी से अब सरकार के मेडिकल कालेज भी दो-चार होने लगे हैं। प्रदेश में डॉक्टर्स की तंगी तीन मेडिकल कालेजों की सारी तैयारियों पर भारी पड़ गई। मेडिकल कौंसिल ने इन तीन कालेजों को एक साल के लिए लटका दिया है। वहीं दो नए कालेजों की सौगात प्रदेश को मिल गई है।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता न मिलने का कारण Doctors
जानकारी के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पांच नए मेडिकल कालेजों ने मान्यता के लिए एनएमसी में आवेदन दिया था। इनमें से सिवनी, मंदसौर और नीमच के सरकारी कॉलेजों को एनएमसी से बैरंग लौटा दिया है। जबकि पांच में से सिर्फ श्योपुर और सिंगरौली के मेडिकल कालेजों को ही मान्यता मिल सकी है। सिवनी, मंदसौर और नीमच में खुलने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता न मिलने का कारण बने हैं डॉक्टर्स ( Doctors )। सारी उठापटक के बाद भी इन तीनों मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त फैकल्टी नहीं होना बताया गया है। यदि इन तीन मेडिकल कॉलेजों को मान्यता मिल जाती तो प्रदेश में करीब तीन सौ एमबीबीएस की सीटें और बढ़ जाती। अब मेडिकल एजूकेशन अपनी नाकामी को छुपाकर इन कॉलेजों को अनुमति नहीं मिलने के पीछे एनएमसी के नए नियमों को कारण बता रहा है। विभाग का कहना है कि फैकल्टी को लेकर कौंसिल ने अचानक नियम बदल दिए। इसलिए रुकावट आ गई है।
पहले केवल फस्र्ट ईयर था आधार
एनएमसी की मान्यता के लिए पहले नियम था कि उनको एमबीबीएस फस्र्ट प्रॉफ की छात्र संख्या के मान से ही फैकल्टी के पद भरना होता था। लेकिन अब पांचों वर्ष के लिए सारे पद भरना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने तीनों मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के लिए आवश्यक 35 से 40 फैकल्टी के पद भरे थे। जबकि एनएमसी के अनुसार, प्रथम वर्ष से ही कॉलेजों में सभी 116 पद भरने जरूरी थे। कम शिक्षकों की भर्ती होने के कारण एनएमसी ने तीनों कालेजों को नियमों में फेल मानते हुए मान्यता देने से इंकार कर दिया है।
अब नए से तैयारी, फिर होगा निरीक्षण
राज्य सरकार तीनों मेडिकल कॉलेज को इसी सत्र से शुरू करना चाहती है। इसके लिए जरूरी चिकित्सा शिक्षकों के पद भरने की कवायद शुरू कर दी गई है। ताकि जल्द से जल्द बाकि शिक्षकों की भर्ती कर दोबारा एनएमसी में आवेदन किया जा सके। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण पिथोड़े का कहना है कि हम एनएमसी की कमियों को दूर कर रहे है। चिकित्सकीय विशेषज्ञों की नियुक्ति कर दोबारा एनएमसी को निरीक्षण के लिए निवेदन करेंगे। ताकि प्रदेश को इसी सत्र में एक साथ पांच नए मेडिकल कालेजों का लाभ मिल सके। सरकार हर जिले में एक मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा कर चुकी है।