बुधवार दोपहर इंदौर के बड़ा गणपति इलाके में एक बड़ा हादसा हुआ। मेडिकैप्स यूनिवर्सिटी की एक तेज रफ्तार बस ने सड़क पर कई वाहनों और पैदल चल रहे लोगों को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में 12वीं कक्षा की छात्रा मानसी श्रीवास और आईटी इंजीनियर एकांश पंड्या की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, छात्राओं समेत एक ऑटो चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद बस चालक और कंडक्टर मौके से फरार हो गए।
क्षमता से ज्यादा छात्रों को लेकर आ रही थी बस
बताया जा रहा है कि बस (एमपी 04 वायजे 5064) अपनी क्षमता से कहीं अधिक छात्रों को लेकर शहर की ओर आ रही थी। इसी दौरान सबसे पहले उसने विवेक हिंगड़ की कार (एमपी 09 डब्ल्यूएच 6111) को टक्कर मारी। इसके बाद स्कूटर सवार 32 वर्षीय एकांश पंड्या बस के नीचे आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसा यहीं नहीं रुका, बस ने दूसरी कार (एमपी 09 डीएन 9998) और सड़क किनारे खड़ी छात्राओं को भी अपनी चपेट में ले लिया।
साइकिल से लौट रही छात्राएं बनीं शिकार
हादसे में सबसे ज्यादा दर्दनाक दृश्य उस समय देखने को मिला, जब साइकिल से घर लौट रही तीन छात्राएं – मानसी श्रीवास, सोहानी राठौर और खुशी करोसिया – बस की चपेट में आ गईं। मानसी बस के पहियों में फंस गई थी, जिसे निकालने के लिए लोगों को बस को पीछे धकेलना पड़ा। राहगीरों की मदद से घायल छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मानसी और इंजीनियर एकांश को मृत घोषित कर दिया।
स्कूल से महज 50 मीटर दूर ही बुझ गया जीवन
16 वर्षीय मानसी श्रीवास हुकुमचंद कॉलोनी की रहने वाली थी और 12वीं कक्षा की छात्रा थी। बुधवार को वह अपनी सहेलियों सोहानी और खुशी के साथ स्कूल से साइकिल पर घर लौट रही थी। स्कूल से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर ही यह दर्दनाक हादसा हो गया। मानसी के पिता अजय श्रीवास एकाउंटेंट हैं, जबकि घर में सात साल का एक छोटा भाई भी है।
इंजीनियर दवा लेने निकले थे, नहीं लौट पाए घर
सीताराम कॉलोनी निवासी 32 वर्षीय एकांश पंड्या आईटी कंपनी में कार्यरत थे। बुधवार को वह दवा लेने घर से निकले थे कि अचानक तेज रफ्तार बस ने उन्हें कुचल दिया। हादसे के बाद उन्हें तुरंत समय पर इलाज नहीं मिल पाया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना स्थल पर लोग मदद करने के बजाय मोबाइल से वीडियो बनाते रहे, जिससे अस्पताल ले जाने में देर हो गई और खून अधिक बह जाने के कारण उनकी जान नहीं बच पाई।
हादसे के बाद फैली दहशत
इस पूरे हादसे ने क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। चश्मदीदों का कहना है कि बस इतनी तेज रफ्तार में थी कि चालक उसे संभाल नहीं पाया। वहीं, लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए ताकि आगे कोई निर्दोष जिंदगी इस तरह बर्बाद न हो।