मनोज सिन्हा : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय में प्रांतीय आर्य महासम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को आतंक और नशे से मुक्त करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यह महासम्मेलन आर्य समाज की 150वीं स्थापना और महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के मौके पर आयोजित किया गया था। उपराज्यपाल ने सेना, पुलिस और केंद्रीय बलों के जवानों को सलाम किया, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की शांति और विकास के लिए काम किया है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग अब भी आतंक फैलाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश की आर्थिक प्रगति नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। भारतीय समाज परंपरा और आधुनिकता का अच्छा मेल बना रहा है, जो भारत की खास पहचान है।
एलजी ने कहा, आर्य महासम्मेलन नई पीढ़ी को सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ेगा
उपराज्यपाल ने कहा कि आर्य महासम्मेलन नई पीढ़ी को उनकी संस्कृति से जोड़ने और महर्षि दयानंद के विचारों से प्रेरित करने में मदद करेगा। उन्होंने वैदिक ज्ञान को फिर से फैलाने की जरूरत बताई और इसे स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर दिया। इससे युवा पीढ़ी को हमारी पुरानी सभ्यता के मूल्यों और आदर्शों के साथ-साथ विज्ञान, कला, मानविकी और गणित में हमारी धरोहर का भी ज्ञान मिलेगा। इस तरह हमारी संस्कृति और ज्ञान को नए जमाने तक पहुंचाया जा सकेगा।
उपराज्यपाल ने महर्षि दयानंद के विचारों को बढ़ाने वालों को किया सम्मानित
उपराज्यपाल ने कहा कि महर्षि दयानंद के विचार आज भी दुनिया में शांति और स्थिरता ला सकते हैं। उन्होंने आर्य समाज से अपील की कि वे शांति, एकता और मानवता का संदेश हर जगह पहुंचाएं। इस मौके पर महर्षि दयानंद के विचारों को बढ़ावा देने वाले कई लोगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रो. बीएन त्रिपाठी, नरेंद्र त्रेहन, प्रकाश आर्य, विनय आर्य, स्वामी देवरत्न सरस्वती और आचार्य नंदिता शास्त्री शामिल थे।