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कनाड़िया में एक धर्म स्थल को हटाना कंपनी की सबसे बड़ी चुनौती
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बाधाओं से निपटने के लिए मेट्रो कंपनी बनाएगी रणनीति
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गांधी नगर डिपो में तैयार हो रहा है सहायक और ट्रैक्शन सब स्टेशन
विपिन नीमा, इंदौर
इंदौर में मेट्रो कंपनी ने घनी बसाहट वाले रोबोट चौराहे से हाईकोर्ट तक मेट्रो एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया के तहत दो कंपनियों (ज्वाइंट वेंचर) को संयुक्त रूप से ठेका दे दिया है। वैसे तो सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर कोई टारगेट नहीं रखा है, लेकिन मेट्रो का निर्माण कार्य निरंतर तेजी से चल रहा है। गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर तक 6 किलोमीटर का ट्रायल रन सफलता के साथ चल रहा है। इसी बीच
रेलवे की आरवीएनएल (रेल विकास निगम लिमिटेड) और चेन्नई की यूआरसी कंस्ट्रक्शन कम्पनी 545 करोड़ रुपए की लागत से एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण करेगी। यह एलिवेटेड लगभग 6 किलो मीटर लंबा होगा और पांच स्टेशन रहेंगे। मेट्रो कम्पनी की एक बड़ी बैठक आयोजित हो रही हे , जिसमें रोबोट चौराहे से हाईकोर्ट तक प्रस्तावित एलिवेटेड में आ रही बाधाओं को दूर करने पर चर्चा होगी। बाधाओं में कनाडिय़ा में एक धर्मस्थल भी शामिल है। इसी प्रकार मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के तहत गांधी नगर डिपो में सहायक सब स्टेशन (एएसएस) और ट्रेक्शन सब स्टेशन (टीएसएस ) का काम तेजी से चल रहा है।
मेट्रो एलिवेटेड ट्रैक और 5 स्टेशन को बनाने के लिए मिले 1092 दिन
मेट्रो कंपनी के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक रोबोट चौराहा से हाईकोर्ट चौराहे तक 6 किलोमीटर का मेट्रो एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण जल्द ही शुरु होने वाला है। इसके लिए मेट्रो कम्पनी ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के लिए एलिवेटेड वायाडक्ट, पांच एलिवेटेड मेट्रो रेल स्टेशनों के आंशिक डिजाइन और निर्माण के लिए आरवीएनएल ( रेल विकास निगम लिमिटेड ) और यूआरसी चेन्नई को संयुक्त रूप (ज्वाइंट वेंचर)ठेका मिला है। टैंडर में दोनों कम्पनियों ने सबसे कम बोली लगाई है। बताया गया है कि 545 करोड़ रुपए की लागत से आरवीएनएल और यूआरसी चेन्नई कम्पनी मिलकर एलिवेटेड ट्रैक और पांच मेट्रो स्टेशन का निर्माण करेगी। दोनों कम्पनियों के लिए निर्माण कार्य पूरा करने की समय अवधि 1092 दिन रहेगी। मेट्रो के पहले चरण के 17.5 किलोमीटर का काम चल रहा है। रोबोट चौराहा से मेट्रो खजराना, बंगाली चौराहा, कनाडिय़ा रोड , पलासिया होते हुए हाईकोर्ट तक पहुंचेगी। इस ट्रैक में पांच स्टेशन बनेंगे।
मेट्रो एलिवेटेड ट्रैक के लिए धर्मस्थल समेत कई बाधाएं हटानी होगी
रोबोट चौराहे से हाईकोर्ट चौराहे तक बनने वाले मेट्रो एलिवेटेड ट्रैक में कितनी बाधाएं आ रही है इसको लेकर मेट्रो कम्पनी सर्वे कर रही है। इन बाधाओं को हटाने, तोडऩे या शिफ्ट करने पर काम शुरु किया जा रहा है। बाधाओं को कैसे दूर किया जाना है इसको लेकर मेट्रो कम्पनी के अधिकारियों बड़ी बैठक होने वाली है। इस बैठक में इसी विषय पर चर्चा होगी। मेट्रो कम्पनी के लिए सबसे बड़ी बाधा कनाडिय़ा में आ रही है। यहां पर एक धर्मस्थल निर्माण कार्य के बीच में आ रहा है। इसको कैसे हटाना है इसको लेकर भी चर्चा होगी। हालांकि यह बैठक रविवार को तय की गई थी। बैठक हुई है या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
गांधी नगर डिपो में जल्द ही तैयार हो रहा है मेट्रो का बिजली घर
इंदौर मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के तहत गांधीनगर डिपो में सहायक सब-स्टेशन (एएसएस) और ट्रैक्शन सब-स्टेशन (टीएसएस) का काम तेजी से चल रहा है। ट्रैक्शन सब स्टेशन के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक ट्रैक्शन ट्रांसफार्मर है। इस ट्रांसफार्मर का उद्देश्य प्राथमिक ग्रिड के उच्च आपूर्ति वोल्टेज (आमतौर पर लगभग 132 से 220 केवी) को 25 केवी के वोल्टेज तक कम करना है, जो ट्रेनों को बिजली देने के लिए उपयुक्त है। इसी प्रकार सहायक सब स्टेशन (एएसएस) में 11 केवी को प्रकाश, एयर कंडीशनिंग और वेंटिलेशन, पंप, एस्केलेटर, सिग्नलिंग और दूरसंचार आदि के लिए 415 वोल्ट तक नीचे लाया जाता है।
इंदौर में 25 मेट्रो रेल आएगी, 3 आ चुकी है
मेट्रो प्रोजेक्ट के अंतर्गत इंदौर में 25 मेट्रो रेलों का संचालन होगा। अभी तक इंदौर में तीन डिब्बों वाले तीन मेट्रो रेल के सेट इंदौर पहुंच चुके है। पिछले दिनों ही तीसरा सेट बड़ौदा से इंदौर पहुंचा था।
मंत्री ने मांगी स्वीकृत राशि
इसी प्रकार प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो रेल परियोजना के लिए सरकार द्वारा जो 350 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। उसका भी भुगतान जल्द से जल्द किए जाने की मांग सरकार से की है। इस राशि का उपयोग मेट्रो प्रोजेक्ट पर किया जाएगा।
साइट पर कचरे के निपटान के लिए तीन तरह के कूड़ेदान
पूरे देश में इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है इस बात को ध्यान रखते हुए कम्पनी ने मेट्रो के निमाणार्धीन स्थलों पर भी कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वच्छता के साथ साथ वायु और ध्वनी प्रदूषण आदि का पूरा ध्यान रखा गया है।
- मेट्रो साइट पर हजार्डस वेस्ट आयल प्रदूषण रोकने के लिए गुणवत्तायुक्त स्टोरेज रूम बनाया गया है
- मेट्रो साइट्स पर कॉक्रीट वेस्ट का कुशल मैनेजमेट किया जा रहा है।
- मेट्रो साइटस पर वायु गुणवत्ता जांचने के लिए मशीनें लगाई
गई हैं। - साइट पर धूल, धुएं और मिट्टी को रोकने के लिए पानी का छिडक़ाव
- निर्माण के दौरान ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए साउंड लेबल मीटर लगाए गए है।
- पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्था की गई है।
साइट्स से निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए तीन तरह के कूड़ेदान लगाए गए है वे हैं…
- ज्वलनशील पदार्थ
- जैविक पदार्थ
- अजैविक पदार्थ