स्वतंत्र समय, इंदौर
मध्य प्रदेश मेट्रो ( metro ) रेल कॉपोर्रेशन नए साल के प्रथम माह जनवरी में मेट्रो का कमर्शियल रन प्रारंभ करने में जुट गया है। गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर तक लगभग 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। कमर्शियल रन को ध्यान में रखते हुए अगले माह दिसंबर में कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) का दौरा होना है। इसके लिए मेट्रो कॉपोर्रेशन के अफसर ट्रैक की पूरी रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली पहुंचा रहे हैं। इसी बीच मेट्रो की तैयारियों को लेकर मेट्रो के एमडी ने गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर तक के कामकाज का अवलोकन किया। इधर एमजी रोड पर अंडरग्राउंड मेट्रो के काम को शुरू किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए व्यापारी संगठनों, वकीलों एवं अन्य एक्सपर्ट्स से चर्चाओं का दौर शुरु हो चुका है। मेट्रो का 10 वां सेट भी इंदौर पहुंच चुका है। इस तरह इंदौर में 30 कोच पूरे हो चुके है।
metro कमर्शियल रन शुरु करने की कवायद तेज
जानकारी के मुताबिक अगले साल जनवरी कमर्शियल रन शुरु करने के लिए मेट्रो ( metro ) कॉपोर्रेशन हर संभव प्रयास में जुट गया है। मेट्रो कॉपोर्रेशन प्रायोरिटी कॉरिडोर के अलावा गांधी नगर से रेडिसन चौराहे तक 17 किलोमीटर के बीच वाले हिस्से में जून 2025 तक कॉमर्शियल रन शुरू करने का टारगेट लेकर चल रहा है। इस हिस्से में 16 स्टेशन बनने हैं। इन दोनों ही रूट को तय समय में पूरा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी सप्ताह में दो दिन इंदौर में प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं।
सिक्योरिटी के साथ कई महत्वपूर्ण परीक्षण
मेट्रो कॉपोर्रेशन से मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल प्रायोरिटी कॉरिडोर पर रात में मेट्रो को चलाकर ट्रायल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सिक्योरिटी के साथ कई महत्वपूर्ण परीक्षण किए जा रहे हैं, जो आगे भी किए जाने हैं। इंदौर में अभी 10 मेट्रो ट्रेन के सेट आए हैं, जिनमें 30 कोच हैं। सभी गांधी नगर के डिपो पर खड़े हैं। मेट्रो के 5.8 किमी हिस्से में कॉमर्शियल रन होना है। इस हिस्से में 5 एलिवेटेड स्टेशन हैं। इनमें सबसे बड़ा गांधी नगर स्टेशन है। यहां से डिपो जुड़ा है, इसलिए स्टेशन पर तीन ट्रैक बनाए गए हैं। यहां कंट्रोल रूम का काम अंतिम दौर में है।
एमडी ने किया कामकाज का अवलोकन
मेट्रो कम्पनी के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने अफसरों को साथ लेकर प्रायोरिटी कॉरिडोर के कार्यों की प्रगति समीक्षा की तथा गांधीनगर स्टेशन से मालवीय नगर चौराहा स्टेशन (रेडिसन स्क्वेर) के साथ-साथ गांधीनगर डिपो पर चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन भी किया। इंदौर मेट्रो को शीघ्र ही आमजन के लिए संचालन में लाने के उद्देश्य से सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के सारे कार्य देखे जा रहे है ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने सबसे पहले गांधी नगर डिपो का निरीक्षण किया जहां मेट्रो परिचालन के महत्वपूर्ण स्थल जैसे डिपो , कंट्रोल रूम, ऐड्मिन बिल्डिंग, सिस्टम रूम, इत्यादि के निर्माण के अद्यतन स्थितियों की जानकारी ली। इस मौके पर एमडी ने मेट्रो परियोजना के विभिन्न कार्यों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से एंट्री-एग्जिट, एस्केलेटर, कंट्रोल रूम, ट्रैक और यात्री सुविधाओं की भौतिक स्थिति का आकलन किया।
इधर… मेट्रो को लेकर जनहित याचिका की तैयारी
शहर में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट को एमजी रोड पर शुरू किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाने की तैयारी की जा रही है। उक्त याचिका दायर करने की तैयारी सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी कर रहे हैं, जिनके द्वारा बीआरटीएस से लेकर शहर के अन्य मुद्दों पर पूर्व में भी पीआईएल लगाई गई है और बीआरटीएस मामले में तो अब 13 साल बाद खुद सरकार ने इसे तोड़े जाने पर सहमति जता दी है। कोडवानी का कहना है कि एमजी रोड पर मेट्रो प्रोजेक्ट शहर के लिए घातक सिद्ध होगा। इस मार्ग पर राजबाड़ा, गांधी हॉल सहित 14 हेरिटेज बिल्डिंग हैं, जहां नियमानुसार इसके आसपास 300 मीटर कोई निर्माण नहीं किया जा सकता। यहां अंडरग्राउंड लाइन डालने से शहर का ग्राउंड वाटर सिस्टम बिगड़ जाएगा। इससे और भी कई दिक्कतें आएंगी।
इस मामले में वे मार्ग से जुड़े तमाम व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों, रहवासियों के अलावा वकीलों एवं अन्य एक्सपर्ट्स से विचार-विमर्श कर रहे हैं। आज शाम ऐसी ही एक बैठक बुलाई गई है। कोडवानी ने बताया कि उन्होंने मेट्रो प्रोजेक्ट की पूरी रिपोर्ट भी बुलवाई है, जिसका वे अध्ययन कर रहे हैं। इन सभी वर्गों से चर्चा के बाद वे इसे लेकर अगले माह हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। उल्लेखनीय है कि करीब छह माह पहले मेट्रो प्रोजेक्ट की खामियों को लेकर लगाई गई एक अन्य जनहित याचिका हाईकोर्ट खारिज कर चुकी है।