स्वतंत्र समय, इंदौर
एक साल के अंदर एयरपोर्ट से लेकर विजय नगर मेट्रो के व्यवसायिक संचालन के प्रयास किए जा रहे हैं। आधा दर्जन स्टेशनों ( metro stations ) का काम भी अंतिम दौर में है। मेट्रो का काम अभी गांधी नगर से रोबोट चौराहा तक चल रहा है। वहीं अब प्रशासन का भी मानना है कि मेट्रो स्टेशनों के आसपास पार्किंग लॉट विकसित करना पड़ेंगे, तब ही मेट्रो को पर्याप्त यात्री मिल सकेंगे। ऑटो, टैक्सीस्टैंड के अलावा निजी वाहनों को भी पार्किंग की सुविधा देना पड़ेगी। वैसे तो यह प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है मगर अभी तक इस पर गंभीरता से मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने काम शुरू नहीं करवाया है। कलेक्टर का भी कहना है कि अब पार्किंग लॉट की जमीनें ढूंढी जाएगी।
आचार संहिता खत्म होते ही शुरू हो जाएंगे बाकी के बचे काम
अभी इंदौर मेट्रो का जो काम पहले चरण में चल रहा है उसकी शुरुआत गांधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, विजय नगर, रेडिसन से रोबोट चौराहा तक की है। इस एलिवेटेड कॉरिडोर की कुल लम्बाई एयरपोर्ट से लेकर रोबोट चौराहा तक 17 किलोमीटर की है। रोबोट चौराहा से खजराना, बंगाली चौराहा होते हुए पलासिया, एमजी रोड तक भी एलिवेटेड कॉरिडोर बनना है, उसकी टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही उसका भी काम शुरू हो जाएगा। हाईकोर्ट से लेकर एमजी रोड होते हुए राजवाड़ा, बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर से लेकर एयरपोर्ट तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनना है उसका टेंडर अभी होना बाकी है। लेकिन जो एयरपोर्ट से विजय नगर तक का 17 किलोमीटर का ट्रैक है उसे एक साल के भीतर चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि इस पर व्यवसायिक संचालन मेट्रो का किया जा सके। हालांकि इसमें भी एक बाधा गांधी नगर से एयरपोर्ट के 1100 मीटर के हिस्से की है। उस पर अभी काम होना है। 400 मीटर का हिस्सा तो ओवरहेड यानी एलिवेटेड रहेगा। उसका निर्माण तो शुरू हो गया है, लेकिन 700 मीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड होगा उसका अभी टेंडर भी जारी नहीं हुआ है। वैसे तो इंदौर मेट्रो का पहले चरण का पूरा प्रोजेक्ट लगभग साढ़े 32 किलोमीटर का एयरपोर्ट से एयरपोर्ट तक का ही है, उसे तो 2026 तक पूरा किया जाना है। मगर उसके पहले 17 किलोमीटर के एलिवेटेड कॉरिडोर पर मेट्रो ट्रेन चलाई जा सकती है।
metro stations के लिए पार्किंग बनानी होगी
कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि विजय नगर से एयरपोर्ट के बीच मेट्रो स्टेशनों ( metro stations ) पर यात्रियों की संख्या पर्याप्त रहेगी। मगर उसके साथ व्यवसायिक पार्किंग लॉट तैयार करना होंगे, ताकि निजी वाहन मालिक भी अपनी गाडिय़ों को खड़ा कर मेट्रो के जरिए सुपर कॉरिडोर या एयरपोर्ट पहुंच सकें। वहीं ऑटो, टैक्सी स्टैंड के लिए भी ये पार्किंग लॉट में जगह उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं कलेक्टर आशीष सिंह ने जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक भी बुलाई।