मेट्रो रिंग रूट के दूसरे पार्ट पर जनप्रतिनिधियों की दिक्कत से मामला चर्चा आ गया जिसके बाद मुख्यमंत्री के तुरंत एक्शन लेने के बाद काम में तेजी और जनहितैषी प्लान करने की उम्मीद है। उन्होंने मेट्रो के उज्जैन, पीथमपुर, देवास तक विस्तार करने की घोषणा भी की, जिससे पूरे क्षेत्र में एकीकृत विकास का रास्ता खुलने की संभावना बनेगी। मुख्यमंत्री की सलाह के बाद अभी रेल लाइनों पर नागपुर की तर्ज पर ब्राॅडगेज मेट्रो की संभावनाएं भी तलाशी जा सकती हैं।
मेट्रो रिंग रूट को लेकर हुई बैठक में मध्य शहर एमजी रोड, कनाड़िया रोड, राजबाड़ा, मल्हारगंज क्षेत्र में होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया गया था।इसके बाद प्लान बदले जाने की सलाह पर हलचल तेज हुई। शनिवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में हुई बैठक में अफसरों को नागरिक सुझावों पर अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश। रविवार को नगरीय आवास व विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी साफ़ कर दिया कि जनता का हित देखते हुए ही आगे बढ़ेंगे। अधिकारियों ने कैसी भी योजना बनाई हो, फर्क नहीं पड़ता। जनता, जनप्रतिनिधि जैसा चाहेंगे वैसी ही मेट्रो लाइन डलेगी।
रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम की संभावना भी देखेंगे
कल 23 जून रविवार को एआईसीटीएसएल ऑफिस में पौधारोपण बैठक के बाद उन्होंने कहा जनता-जनप्रतिनिधियों के सोचने का तरीका व्यावहारिक होता है। इसलिए उस पर विचार करंगे। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में मेट्रो को शहर के आसपास विस्तारित करने के प्लान पर भी बातचीत की गई।
इसके लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा पीथमपुर, देवास, उज्जैन के लिए किए गए फिजिबिलिटी सर्वे की रिपोर्ट भी देखी। इसमें मिले ऑप्शंस के साथ आगे बढ़ेंगे, जिसमें दिल्ली, गाजियाबाद की तरह रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम की संभावना हो सकती है। सिंहस्थ से पहले उज्जैन के प्लान को पूरा करवाना और इंदौर रिंग रूट तैयार करना हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी।