बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने रोका स्कूल विलय, बड़े और दूरस्थ स्कूल रहेंगे यथावत

संदीप सिंह : यूपी में कम नामांकन वाले सरकारी स्कूलों के विलय पर हो रहे विरोध को देखते हुए सरकार ने नया आदेश जारी किया है। अब एक किलोमीटर से ज्यादा दूर वाले स्कूलों को मर्ज नहीं किया जाएगा। साथ ही, जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 से अधिक है, वे भी विलय प्रक्रिया से बाहर रहेंगे। यह आदेश बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने दिया है। कई जिलों में शिक्षक और अभिभावक विरोध कर रहे थे, खासकर स्कूल दूर होने की शिकायतों को लेकर।

संदीप सिंह ने लोकभवन में मीडिया से रखी बात

लोकभवन में मीडिया से बातचीत के दौरान बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि बीते आठ वर्षों में सरकारी स्कूलों की हालत में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। सरकार चाहती है कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। इसके लिए स्कूलों में ज़रूरी सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 2017 के बाद हालात सुधारने के कई प्रयास हुए हैं। अब प्रदेश के 96% स्कूलों में बच्चों के लिए पीने का पानी, शौचालय और दूसरी ज़रूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

यूपी से पहले अन्य राज्यों में भी हुई स्कूल पेयरिंग

बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि यूपी पहला राज्य नहीं है जहां स्कूलों का विलय (पेयरिंग) किया जा रहा है। इससे पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा और हिमाचल प्रदेश में यह काम हो चुका है। इसका मकसद बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना और संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है। राजस्थान में 2014 में 20 हजार स्कूलों का विलय हुआ था, मध्य प्रदेश में 2018 में 36 हजार स्कूलों को जोड़ा गया। उड़ीसा और हिमाचल प्रदेश में भी यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

69 हजार शिक्षक भर्ती: कोर्ट के फैसले का होगा पालन

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट जो भी फैसला देगा, सरकार उसका पालन करेगी। सरकार कोर्ट की प्रक्रिया में कोई दखल नहीं दे सकती। पहले कुछ शिक्षक अपनी जगह दूसरों को पढ़ाने के लिए भेज देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा। अब हर शिक्षक खुद स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हुई है।